सहरसा, दीपांकर श्रीवास्तव: गरीब मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से चलाई जा रही महत्त्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक बार फिर भ्रष्टाचार के जाल में फंसती दिख रही है. सहरसा जिले के कहरा प्रखंड अंतर्गत बरियाही पंचायत से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार को एक लाभुक से कथित तौर पर रिश्वत लेते देखा जा रहा है. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है.
रिश्वत लेते वीडियो वायरल
पीड़ित रहुआ मणि गांव निवासी दयानंद ठाकुर का आरोप है कि उनकी पत्नी पूजा देवी मनरेगा मेट के रूप में पंचायत में कार्यरत थीं, लेकिन काम के बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. जब उन्होंने जानकारी लेनी चाही, तो रोजगार सेवक ने भुगतान के बदले दस हजार रुपये की मांग की. मजबूरीवश उनके पुत्र ने रोजगार सेवक के घर जाकर यह राशि दी, जिसकी कथित वीडियो रिकॉर्डिंग अब वायरल हो चुकी है.
आरोपी का दावा मुझसे पैसा उधार लिया था
इस पूरे मामले में आरोपी रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार का कहना है कि यह वीडियो पुराना है और वह केवल दयानंद ठाकुर को उनका लिया हुआ पैसा वापस कर रहे थे. इस मामले में मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी लाल मोहन राय ने भी मनोरंजन कुमार का पक्ष लेते हुए दावा किया कि दयानंद ठाकुर ने रोजगार सेवक से 15 हजार रुपये उधार लिए थे, जिसमें से दस हजार रुपये लौटाए गए हैं.
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सवाल पूछा तो साध ली चुप्पी
हालांकि, सवाल उठता है कि एक सरकारी योजना के कर्मचारी को आखिर निजी रूप से लेन-देन करने की क्या आवश्यकता पड़ी? पंचायत में रोजगार देने की जिम्मेदारी निभा रहे व्यक्ति पर जब मनरेगा में कार्य दिलाने के बदले पैसे मांगने का सवाल पूछा गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
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