वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सीजन की शुरुआत के साथ जंगल सफारी भी शुरू हो चुका है. जिसके बाद पर्यटक अब यहां की हसीन वादियों और प्रकृति के सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे. वाल्मीकि नगर आने वाले पर्यटक वीटीआर के मंगुराहा, गोवर्धना और वाल्मीकि में सफारी के साथ-साथ अमवा मन व उदयपुर पक्षी अभयारण्य का भी दीदार कर सकेंगे. अमवा मन में जहां सैलानी वॉटर एडवेंचर का लुत्फ उठा सकेंगे, वहीं उदयपुर पक्षी अभ्यारण्य की नेचर साइट का आनंद लेने का मौका भी मिलेगा. वाल्मीकि नगर आने वाले पर्यटक इसके लिए टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं.
देखने के लिए एक से बढ़ कर एक जगह
भारत-नेपाल सीमा पर बसे वाल्मीकिनगर का पिछले कुछ सालों में पर्यटन के लिहाज काफी विकास हुआ है. कैनोपी वॉक, गंडक बराज, नरदेवी मंदिर, जटाशंकर टेंपल, कौलेश्वर झूला, वाल्मीकिनगर आश्रम, मदनपुर देवी स्थान यहां के प्रमुख टूरिस्ट प्वाइंट हैं. यहां जगल सफारी और बोटिंग सफारी की भी व्यवस्था है. सैनालियों के रहने के लिए वातानुकूलित सूईट रूम के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाओं वाले होटल, बंबू हट, इको हट, ट्री हट के साथ-साथ गेस्ट हाउस की भी सुविधा है. भोजन के लिए कैंटीन और तमाम तरह के रेस्टोरेंट भी खुल गये हैं. गंडक तट पर यहां बेहद ही खूबसूरत इको पार्क बनाया गया है. इसके साथ ललभितिया सनसेट प्वाइंट भी आकर्षण का केंद्र है. वीटीआर के अलावे गोवर्धना और मंगुराहा रेंज में भी पर्यटकों के ठहरने के बेहतर इंतजाम हैं. मंगुराहा के भिखनाठोरी में तमाम टूरिस्ट साइट हैं, यहां भी जंगल सफारी का इंतजाम है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक पड़ोसी देश नेपाल के त्रिवेणी धाम और चितवन नेशनल पार्क की भी सैर कर सकते हैं.
अमवा मन करायेगा गोवा का एहसास
बेतिया-मोतिहारी मार्ग में बेतिया से करीब 22 किमी पहले अमवा मन में इस बार से वॉटर एडवेंचर की शुरूआत की जा रही है. यहां करीब 175 एकड़ में फैले झील में पारासेलिंग, फ्लोटिंग जेटी, जेटस्की स्कूटर समेत तमाम जल क्रीड़ा का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही यहां इंगेजमेंट प्वाइंट, क्राउड मैनेजमेंट, प्रोमिनाड, वॉकवे, प्रिफैब गजीबो, चेंजिंग रूम, मेन गेट, सेल्फी प्वाइंट, थिमेटिक वॉल, किड्स स्पोर्ट्स, वीआइपी लॉउंज, पार्किंग, मॉड्यूलर शौचालय आदि की व्यवस्था है. अमवा मन में वह सभी सुविधाएं दी जा रही हैं, जो गोवा में मौजूद हैं.
वाल्मीकिनगर में हैं कई दर्शनीय प्राचीन मंदिर स्थल
भारत नेपाल सीमा पर स्थित महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली वाल्मीकिनगर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए तो विख्यात हैं ही यहां वन क्षेत्र में प्राचीन काल से स्थापित मंदिर भी अपने दर्शन के लिए पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
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नर देवी मंदिर : गोल चौक से सटे लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर घने वन क्षेत्र के अंदर माता नर देवी का प्राचीन मंदिर है. जहां यह आस्था है कि भक्तों की सारी मन्नतें पूरी हो जाती हैं. यह मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना वीर आल्हा उदल ने की थी.
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जटाशंकर मंदिर : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के घने वन क्षेत्र के अंदर स्थानीय गोल चौक से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर भगवान महादेव शंकर का मंदिर है जो जटा शंकर के नाम से विख्यात है. वाल्मीकिनगर आने वाले पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करना नहीं भूलते है.
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महाकालेश्वर मंदिर: नारायणी तट पर सोनहा घाट के निकट दुर्गम वन क्षेत्र में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थापित है. जिसे महाकालेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना बेतिया राज के राजा के द्वारा की गयी थी.
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वाल्मीकि आश्रम : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने वन क्षेत्र के अंदर भारत नेपाल सीमा पर महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली मौजूद है. जहां माता सीता के निर्वासन के बाद इसी वाल्मीकि आश्रम में माता सीता ने आश्रय लिया था और दोनों वीर बालक लव कुश को जन्म भी दिया था. इसी आश्रम में महर्षि वाल्मीकि ने प्रशिक्षण देकर लव कुश को प्रशिक्षित किया था तथा माता सीता ने यहीं पर पाताल प्रवेश भी किया था. वाल्मीकिनगर आने वाला कोई भी पर्यटक इस आश्रम के दर्शन करना नहीं भूलता.
टूर पैकेज
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एक व्यक्ति के लिए टूर पैकेज की शुरुआत 5 हजार रुपये से होती है. इसमें आपको मंगुराहा, गोवर्धना, वाल्मीकि नगर और राघिया रेंज में जंगल सफारी कर सकते है. साथ ही एक रात रुकने के आलाव आपको ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मिलेगा.
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3 दिन और 2 रात के पैकेज के लिए आपको 20 से 25 हजार रुपये खर्च करने होंगे. इस पैकेज में आप वीटीआर के साथ नेपाल के चितवन तक जंगल का लुफ्त लेंगे. इस पैकेज में आपको दो दिनों तक करीब 60 किलोमीटर की जंगल सफारी का मौका मिलेगा. साथ ही ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी मिलेगा.
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इसके अलावा कई अन्य पैकेज भी हैं. जिसकी जानकारी आप वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की वेबसाइट से ले सकते हैं.
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कहां से कर सकते हैं बुकिंग
सैलानी वाल्मिकी टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. इसके लिए आप www.valmikitigerreserve.com पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. इसके अलावा वाल्मिकी टूर्स के टूर ऑपरेटर से मोबाइल पर बात कर भी बुकिंग कर सकते हैं. जंगल सफारी से लेकर रहने-खाने तक के लिए पैकेज उपलब्ध है.
कैसे पहुंचे?
पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया से वाल्मीकिनगर करीब 108 किमी दूर है. पटना से इसकी दूरी 325 किमी है. नजदीकी रेलवे स्टेशन बगहा से यह करीब 40 किमी दूर है. यहां से बस सेवा सुलभ है. इसके अलावा वन विभाग की ओर से वाल्मीकिनगर, मंगुराहा, गोवर्धना आदि जगहों के लिए टूरिस्ट बसें भी पर्यटन सत्र में चलायी जाती हैं. पटना के मौर्या होटल से हर शुक्रवार को टूरिस्ट बस वाल्मीकिनगर आती है. 4500 रुपये में तीन दिन का सैर कराया जाता है. वहीं, बेतिया से एक दिन का सैर 1200 रुपये में कराया जाता है. इसके लिए टूरिस्ट बस का इंतजाम है.
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