संवाददाता, दुमका. वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय द्वारा दुमका ज़िला के आंदीपुर एवं आसपास के क्षेत्रों के 30 हस्तशिल्पियों को गुरु-शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा. हस्तशिल्प सेवा केंद्र देवघर द्वारा आयोजित किए जा रहे दो माह का बांस क्राफ्ट के इस प्रशिक्षण का शुक्रवार को सहायक निदेशक शत्रुघ्न कुमार, जिला उद्योग केंद्र दुमका से देव प्रकाश, इंडियन बैंक दुमका ब्रांच से सुधीर कुमार, जनमत शोध संस्थान के अशोक सिंह व श्रेया से अमित सिंह द्वारा संयुक्त रूप से शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य शिल्पियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है, साथ ही गुरु-शिष्य परंपरा को बरकरार रखते हुए हस्तशिल्प की पारंपरिक विधाओं को प्रोत्साहन देना है. हमारा लक्ष्य है कि शिल्पी जन अपने कला और हुनर को पहचानें और इसे अपने आर्थिक और सामाजिक विकास का जरिया बनाएं. कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिल्पियों को न केवल नए कौशल सीखने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें बाजार की मांग के अनुसार अपने उत्पादों को तैयार करने और बेचने में भी मदद करेगा. श्री कुमार ने बताया कि दो माह चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिल्पी मास्टर ट्रेनर मुकेश कुमार मोहली से बांस क्राफ्ट में निपुणता प्राप्त करेंगे. उन्हें प्रशिक्षण में बारी-बारी से क्रिएटिव डिज़ाइन, उत्पाद निर्माण और विपणन की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. मौके पर हस्तशिल्प प्रशिक्षण अधिकारी रवि जान रोशन द्वारा उपस्थित शिल्पियों को चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रम यथा प्रशिक्षण, टूल किट्स वितरण, मुद्रा योजना, हस्तशिल्प पुरस्कार, वित्तीय सहायता, मार्केटिंग इत्यादि के बारे में बताया गया. कार्यक्रम का संचालन हस्तशिल्प प्रशिक्षण अधिकारी विकास कुमार ने किया.
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