संवाददाता, दुमका. उपराजधानी दुमका के रेलवे स्टेशन पर बने कोयला रैक प्वाइंट का विरोध अब भी जारी है. रविवार को फिर धरना पर बैठे लोगों का कहना था कि आसपास रहने वाले हजारों लोगों को यह बीमार बना रहा है. पीने के पानी में डस्ट घुल कर आम आदमी के पेट में जाकर बीमारी फैला रहा है. वे लगातार धरना-प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं. बावजूद राज्य और केंद्र की सरकार इस मामले में उदासीन रवैया अपनाए हुए है. रविशंकर मंडल के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने रेलवे स्टेशन परिसर में धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया और कहा कि जब तक दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला रैक नहीं हटाया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलनकारी अब राज्य, केंद्र सरकार, बीजीआर कंपनी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति रोष जताते हुए कहा कि अब आंदोलन उग्र होगा. आंदोलनकारियों ने कहा कि दुमका रेलवे स्टेशन के आसपास दर्जनों शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे नौजवान और महिलाओं पर गंभीर प्रभाव तो पड़ ही रहा है. यहां रहने वाले लोगों का तो जीना मुश्किल हो गया है. यहां तक कि अब बाहर से आने वाले मेहमान भी यहां आने से कतरा रहे हैं. गौरतलब है कि दुमका रेलवे स्टेशन पर बने कोयला डंपिग यार्ड को चलाने के लिए सारे नियम कानून को दरकिनार करते हुए हजारों लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. अमृत भारत दुमका रेलवे स्टेशन पर ही नहीं आसपास के घरों में पेड़-पौधों पर कोयला डस्ट की मोटी परत जमी रहती है. आंदोलनकारियों ने जल्द से जल्द यहां से कोयला रैक स्थानांतरित करने की मांग की है. मौके पर रवि शंकर मंडल, अभय गुप्ता, संजय मंडल, हेमंत श्रीवास्तव, विष्णु यादव, अमिता रक्षित, मनोज पंडित, डॉ शंभू सिंह, डॉ विनय कुमार सिन्हा, डॉ विनोद शर्मा, डॉ बिरेन चंद्र गोराई, डॉ जितेंद्र झा, डॉ विजय कुमार, जगन्नाथ पंडित, शत्रुघन पंडित, मंजू गुप्ता, जगबंधु पंडित, निरंजन यादव, आशीष नायक, जिमी यादव, मनोज भगत, तुलसी मंडल, रिंकू यादव, मानस सिंह मेलर, श्याम प्रसाद शर्मा, हरि प्रसाद, मीकू यादव आदि उपस्थित थे.
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