एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है और समय पर इलाज नहीं होने पर मौत का कारण बन सकती है. यह वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी संक्रमण या विषाक्त तत्वों से उत्पन्न होता है.
उन्होंने कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोग एइएस के अंतर्गत आते हैं, जो मॉनसून में अधिक फैलते हैं. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बिहार, बंगाल, असम व तमिलनाडु जैसे धान उत्पादक क्षेत्रों में इसका प्रभाव अधिक देखा गया है. पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला और बहरागोड़ा क्षेत्र भी संवेदनशील है. डॉ. चंद्र मोहन ने कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस के लिए टीका आने से मामलों में कमी आयी है और जल्द ही डेंगू का टीका भी उपलब्ध होगा. उन्होंने थैलेसीमिया व सिकलसेल जैसी आनुवंशिक बीमारियों पर चिंता जताते हुए विवाहपूर्व और गर्भावस्था में जांच को जरूरी बताया.
छह हजार में एक बच्चे को होती है न्यूरो मस्कुलर रोग
सेमिनार में चित्तरंजन सेवा सदन, कोलकाता से आये डॉ. सुदीप साहा ने न्यूरो मस्कुलर रोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छह हजार में एक बच्चे को यह बीमारी होती है. इस बीमारी में मरीज का पैर कमजोर हो जाता है. इसके साथ ही मरीज की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है.
क्विज व पोस्टर प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
पीजी पेपर प्रस्तुति में रहे विजेता
– तृतीय- डॉ. रोशन (टीएमएच)
पीजी पोस्टर प्रतियोगिता
विशेषज्ञ वर्ग : शोध प्रस्तुत किया
विशेषज्ञ वर्ग : पोस्टर प्रतियोगिता
– प्रथम- डॉ. आद्याशा मिश्रा (टीएमएच)
क्विज प्रतियोगिता में ये रहे विजेता
– प्रथम- डॉ. राहुल व डॉ. विशाखा (रिम्स, रांची)- द्वितीय- डॉ रोशन मोहंती व डॉ. सोनम (टीएमएच, जमशेदपुर)- तृतीय : डॉ. श्रेया व डॉ. दिव्याशा (टीएमएच, जमशेदपुर)
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