कदमा उलियान में बुधवार को शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती मनायी गयी. मौके पर मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के आदिवासी व मूलवासियों के हक के लिए एक लंबा संघर्ष किया. शहीद निर्मल महतो और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने एक लंबे सफर की शुरुआत की थी. निर्मल महतो के शहीद होने के बाद शिबू सोरेन ने उनके आदर्शों को लेकर उनके काम को मंजिल तक पहुंचाया और इसी का परिणाम झारखंड का एक नया राज्य बनकर उभरा है.
शहीद निर्मल महतो की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने वालों का दिनभर लगा रहा तांता
चमरिया गेस्ट हाउस में शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पर आम व खास ने किया माल्यार्पण
बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के पास सुबह 11:45 बजे शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि देने का आयोजन किया गया. झामुमो, भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘शहीद निर्मल महतो अमर रहें’ और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, निर्मल दादा तेरा नाम रहेगा’ जैसे नारे लगाकर अपने आदर्श नेता को स्मरण किया. माहौल शहीद के प्रति सम्मान के भाव से गूंज उठा. इस आयोजन के दौरान वक्ताओं ने शहीद निर्मल महतो के बलिदान और झारखंड आंदोलन में उनके योगदान को याद किया. उन्होंने उनके आदर्शों को अपनाने और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मंत्री रामदास सोरेन, विधायक सविता महतो, विधायक मंगल कालिंदी, झामुमो के वरिष्ठ नेता पवन सिंह, पूर्व सांसद सुमन महतो, झामुमो वरिष्ठ नेता मोहन कर्मकार, राजू गिरि, बबन राय, सागेन पूर्ति, आस्तिक महतो, शेख बदरुद्दीन, प्रीतम हेंब्रम, बीरसिंह सुरीन, सुनील महतो, महावीर मुर्मू, गणेश माहली, प्रमोद लाल, बाल्ही मार्डी, काबलु महतो, देवजीत मुखर्जी, राज लकड़ा समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए.
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