जमशेदपुर शहर के वरिष्ठ झारखंड आंदोलनकारी सनातन सोय आज अपनी पहचान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. 65 वर्षीय सनातन सोय का नाम विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में झारखंड आंदोलनकारी के रूप में प्रकाशित हो चुका है. वहीं उसे अभी तक पेंशन समेत अन्य सुविधाएं मिलना शुरू नहीं हुआ है. सनातन सोय बताते हैं कि वे अपना नाम को सत्यापन कराने के लिए कई सांसद, विधायक व वरिष्ठ झारखंड आंदोलनकारी साथियों का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन उन्हें हर जगह निराशा ही मिली. हर किसी ने यह कहकर सत्यापन करने से मना कर दिया कि उन्हें सत्यापन के लिए थाना में जाना चाहिए, जहां अलग झारखंड आंदोलन के दौरान उन पर मामला दर्ज हुआ था. वहीं जब वे थाना में जाते हैं, तो रिकॉर्ड नहीं है कहकर वहां से भी लौटा दिया जाता है. हालांकि वे अभी भी इस प्रयास में है कि किसी तरह से वे अपना नाम को सत्यापन करा लें, ताकि उन्हें झारखंड आंदोलनकारियों को मिल रही सुविधाएं मिले.
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