Kasturba School News: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका उच्च विद्यालय, बांगुड़दा में अनुशासनात्मक सजा के बाद 4 छात्राओं की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गयी. 12वीं कक्षा की ये छात्राएं प्रियंका महतो (कुमीर गांव), अष्टमी महतो (लोवाडीह), पूर्णिमा महतो (गेरुवाला) और दयावती प्रमाणिक सुबह की प्रार्थना सभा में विलंब से पहुंची. इस पर क्लास टीचर ने उन्हें दंड स्वरूप लगातार 200 बार उठक-बैठक करने को कहा. इस दौरान छात्राएं उल्टियां करने लगीं और बेहोश होकर गिर पड़ीं.
वार्डन ने वैन से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया
विद्यालय की वार्डन रजनी मुर्मू ने तत्परता दिखाते हुए सभी छात्राओं को टाटा मैजिक वैन पर बैठाकर पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया. छात्राओं की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें डिमना स्थित एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. घटना की जानकारी मिलते ही जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी एमजीएम अस्पताल पहुंचे और बीमार छात्राओं से मुलाकात कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
विधायक ने अस्पताल अधीक्षक से की बात
विधायक मंगल कालिंदी ने अस्पताल अधीक्षक डॉ आर मंधान से बातचीत कर छात्राओं की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिया. इस दौरान विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू, सामाजिक कार्यकर्ता विमल बैठा और अन्य स्थानीय प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
- स्कूल के बाहर शिव मंदिर में उपवास रहकर जलाभिषेक करने गयी थी छात्राएं
- वार्डन ने कहा कि फूड प्वाइजन की वजह से छात्राएं हुई हैं बीमार
- उपवास, शारीरिक सजा और संभवतः फूड प्वाइजनिंग बना कारण
उपवास में थीं स्कूल की 9 छात्राएं
स्कूल की एक छात्रा पार्वती महतो ने बताया कि श्रावण की सोमवारी पर 9 छात्राओं ने एक शिक्षिका के साथ उपवास रखा था. सभी पास के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने गयीं थीं, जिनमें बीमार बच्चियां भी शामिल थीं. पूजा के बाद जब वे लौटकर आयीं, तो नाश्ते में मूढ़ी और घुघनी खाया. इसमें थोड़ी देर हो गयी. इसलिए प्रार्थना सभा में शामिल नहीं हो सकीं.
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9 छात्राओं को किया गया दंडित, 4 हुईं बेहोश
इसकी वजह से सभी 9 छात्राओं को दंडित किया गया. इनमें 4 छात्राएं बेहोश हो गयीं. बताया गया कि तुरंत नाश्ता करने के बाद ही उठक-बैठक करने की वजह से छात्राओं को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाया, जिसके कारण से उन्हें उल्टी हुई और वह बेहोश हो गयी.
छात्राओं को लेकर पहुंच गये पुराने एमजीएम अस्पताल
इस घटना के बाद आनन-फानन में छात्राओं को अस्पताल लाने के लिए टाटा मैजिक का इंतजाम किया गया. एमजीएम रेफर करने के बाद सभी छात्राओं को लेकर पुराने एमजीएम अस्पताल पहुंचे. यहां आने के बाद बताया गया कि सभी को डिमना में बने नये एमजीएम अस्पताल जाना होगा. इस आपाधापी में करीब एक घंटा बीत गये.
वार्डन ने कहा- फूड प्वाइजनिंग से बीमार हुईं छात्राएं
स्कूल की वार्डन रजनी मुर्मू ने घटना का कारण फूड प्वाइजनिंग बताया. कहा कि रविवार की रात छात्राओं ने दाल, चावल और बंधा गोभी-आलू की सब्जी खायी थी. हालांकि, बाकी छात्राएं भी यही भोजन कर रहीं थीं, पर सिर्फ 4 छात्राएं बीमार हुईं. उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि शारीरिक दंड के कारण भी उनकी स्थिति और बिगड़ गयी होगी.
उठते सवाल
- क्या स्कूल में शारीरिक दंड की अनुमति है?
- क्या स्कूलों में उपवास रखने वाली छात्राओं की स्वास्थ्य जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है?
- यदि फूड प्वाइजनिंग कारण है, तो खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं हुई?
इस मामले की जानकारी मिली है. विभाग इस मामले में काफी गंभीर है. मामले की जांच की जा रही है कि आखिर किस वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
आशीष पांडेय, डीएसइ, पूर्वी सिंहभूम
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