जमशेदपुर. अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की ओर से रविवार को विद्यापति परिसर गोलमुरी में दो दिवसीय 36वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का आगाज किया गया. विधायक सरयू राय ने कहा कि बिहार और झारखंड में मैथिली ऐसी भाषा है, जो व्याकरण सम्मत है. ऐसी भाषा को झारखंड की नियोजन नीति में स्थान नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने इसके लिए आवाज उठायी थी. उनका प्रयास आगे भी जारी रहेगा. संस्थापक धनाकर ठाकुर ने संस्था की गतिविधि को सामने रखा और सभी से संगठित होकर मिथिला राज्य अभियान को गति देने का आग्रह किया. अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के अध्यक्ष नेपाल के रामरिझन यादव ने मधेश राज्य के गठन से संबंधित बातों को रखा. कहा कि केंद्रीय स्तर पर दो राज्यों में मैथिली को राजभाषा का दर्जा मिल गया है, लेकिन अभी तक नोटिफिकेशन नहीं हुआ है. जल्दी ही हमलोग इसके लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे.
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