जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुने गये हैं. तीसरी बार उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा जायेगा. विदयुत वरण महतो के अलावे गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे समेत देश के 17 सांसदों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. जुलाई के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह के 15वें संस्करण में पुरस्कार दिया जायेगा. इससे पूर्व भी 16वीं एवं 17वीं लोकसभा में भी विद्युत वरण महतो को संसद रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. संसद में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 17 सांसदों और दो संसदीय स्थायी समितियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. यह पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिया जाता है. यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है. इस वर्ष के विजेताओं का चयन जूरी कमेटी ने किया, जिसकी अध्यक्षता हंसराज अहीर, (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष) ने की.
लगातार उत्कृष्ट कार्य के लिए चार सांसदों को विशेष सम्मान
भर्तृहरि महताब (भाजपा)सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी)एनके. प्रेमचंद्रन (आरएसपी)श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना)
अन्य संसद रत्न पुरस्कार विजेता सांसद
बाकी 13 सांसदों में विद्युत वरण महतो (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), स्मिता वाघ (भाजपा), अरविंद सावंत (शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट), नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), रवि किशन (भाजपा), पीपी चौधरी (भाजपा), मदन राठौर (भाजपा) सीएन अन्नादुरै (डीएमके), दिलीप सैकिया (भाजपा) के नाम शामिल हैं.
सांसद विद्युत वरण महतो का तीसरा कार्यकाल
विद्युत वरण महतो का जमशेदपुर संसदीय सीट से यह तीसरा कार्यकाल है. वर्ष 2014 में पहली बार यहां से सांसद बने थे. श्री महतो बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं. जमशेदपुर से तीन बार जीत की हैट्रिक लगानेवाले ये पहले सांसद हैं.
उत्कृष्ट सांसद का मिल चुका है पुरस्कार
जमशेदपुर की जनता को पुरस्कार समर्पित : विद्युत वरण महतो
2010 में शुरू हुआ पुरस्कार
संसद रत्न पुरस्कार समिति की अध्यक्षता संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सह अध्यक्षता पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने की. 2010 से शुरू हुआ यह निजी पुरस्कार है. अब तक 75 सांसदों को इससे नवाजा जा चुका है.
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर शुरू हुआ पुरस्कार :
इस पुरस्कार की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सुझावों के आधार पर हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है