Ramdas Soren Announcement: जमशेदपुर-झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि झारखंड में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की संख्या दोगुनी की जाएगी. अभी 80 स्कूल संचालित हो रहे हैं. इन स्कूलों में निजी विद्यालयों से भी बढ़िया बुनियादी सुविधाएं होंगी. इसके लिए सरकार काम कर रही है. यहां व्यावसायिक कोर्स की भी पढ़ाई होगी. बतौर मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन बुधवार को जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यहां जनजातीय गौरव वर्ष के मौके पर ‘जनजातीय विरासत का जश्न’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्रा शामिल हुए. मौके पर विशिष्ट अतिथि सीएसआइआर-केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान दुर्गापुर के निदेशक नरेश चंद्र मुर्मू और एनएमएल जमशेदपुर के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी भी मौजूद थे.
नेतरहाट की तर्ज पर खुलेंगे तीन स्कूल
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार शैक्षणिक स्थिति में गुणात्मक सुधार के प्रति गंभीर है. इन स्कूलों में बच्चे नि:शुल्क पठन-पाठन करेंगे. यहां व्यावसायिक कोर्स की भी पढ़ाई होगी, ताकि यहां से निकलने के बाद उनके पास शैक्षणिक और व्यावसायिक दोनों डिग्री हो और उन्हें रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़े. राज्य सरकार बच्चों को गुणावत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें रोजगार देने का भी काम करेगी. उन्होंने कहा कि सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में सीबीएसई पैटर्न पर बेहतर पढ़ाई हो रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार स्कूल में दाखिला लेने के लिए अब तक 35 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि ट्राइबल यूनिवर्सिटी को लेकर भी सरकार की ओर से ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. सभी जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केजी से पीजी तक मातृभाषा में पठन-पाठन जल्द ही शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर झारखंड में तीन अलग-अलग जगहों पर स्कूल खोले जायेंगे. इस तरह के स्कूल यहां के बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, एडमिनिस्ट्रेटिव और पुलिस प्रोफेशनल बनने में मददगार साबित होंगे.
करियर को लेकर चिंतन करें छात्र-छात्रा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमेशा देखा जाता है कि बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते तो जरूर हैं, लेकिन आगे उन्हें क्या करना है. किस क्षेत्र में करियर बनाना है, इसे लेकर उनके पास कोई लक्ष्य नहीं होता है. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे अपने करियर को लेकर चिंतन करें. उन्हें किस क्षेत्र में करियर बनना है, इसको लेकर लक्ष्य निर्धारित करें. इसके लिए गुरुजनों की मदद लें.
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