Jamshedpur : बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रहीं संध्या प्रधान
आठवीं, नौवीं और 10वीं के छात्रों को फ्री कोचिंग दे रहीं संध्या प्रधान
By AKHILESH KUMAR | April 12, 2025 12:44 AM
जमशेदपुर. रिटायरमेंट के बाद जहां अधिकतर लोग घर-परिवार के बीच फुर्सत के वक्त बिताना और सैर-सपाटा करना चाहते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं. सही मायने में यह वक्त समाज को लौटाने का ही होता है. ऐसी ही शख्सियत हैं आदित्यपुर निवासी संध्या प्रधान. वर्ष 1988 में मनोहरपुर में शिक्षिका के तौर पर उन्होंने अपनी जीवन यात्रा शुरू की. शिक्षा से इस तरह लगाव हुआ कि वर्ष 2023 में रिटायरमेंट के बाद भी वह इससे दूर नहीं हो सकी. उन्हें लगता है कि जिस दिन कुछ बच्चों को पढ़ाया नहीं, वह दिन बेकार गया. इसी का नतीजा है कि वर्तमान में वह आदित्यपुर में आठवीं, नौवीं और 10वीं के छात्रों को फ्री कोचिंग दे रही हैं.
अच्छी शिक्षा देने के लिए शुरू की फ्री कोचिंग
रिटायरमेंट के तुरंत बाद संध्या प्रधान ने फ्री कोचिंग क्लास शुरू कर दी. उनकी कोचिंग के 10वीं तक के दो बैच पासआउट हो चुके हैं, जबकि तीसरा बैच शुरू होने वाला है. उनकी कोचिंग में छात्राओं की संख्या अधिक रहती है. वह बताती हैं कि लड़कियों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है. शिक्षा मिलेगा, तो लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी हो जायेंगी. इस ख्याल से ही उन्होंने कोचिंग क्लास की शुरुआत की. मई से मार्च तक बैच चलता है. कोचिंग के बाद भी वह हर बच्चों के लिए हमेशा उपलब्ध रहती हैं. बच्चे भी बेझिझक उनसे मिलते हैं. उनका मानना कि सही मायने में लोगों को शिक्षित करना ही सबसे बड़ा कर्म है. वह वर्ष 2003 से 2009 तक सरायकेला जिले की बालिका शिक्षा प्रभारी रहीं. वर्ष 2009 से 2020 तक राष्ट्रीय साधन सेवी (नेशनल रिसोर्स पर्सन) रहीं, जिसके तहत शिक्षा को लेकर रणनीति बनाना, पाठ्यक्रम तय करना आदि काम होते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2019 में उन्हें नेशनल अवाॅर्ड मिला. साथ ही झारखंड रत्न सम्मान भी मिला.
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