Jamshedpur : सुपर फूड सत्तू, प्रेम से बोलिए सत्तू महाराज की जय

सत्तू स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है

By AKHILESH KUMAR | April 12, 2025 12:40 AM
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जमशेदपुर. सत्तू को स्वास्थ्य के लिए वरदान माना गया है. इसमें फाइवर के साथ कई मिनरल्स हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हैं. चने के सत्तू को प्राय: पेय के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है. वैसे सात अनाज के आटे के मेल से सत्तू बनता है. तभी तो इसका नाम सत्तू पड़ा. इसकी महत्ता को बताने के लिए हमारे यहां सतुआन पर्व भी मनाया जाता है. 14 अप्रैल को लोग इसे अपनी-अपनी परंपरानुसार मनाएंगे. हमारे ऋषि-मुनियों ने भी सत्तू का उपयोग तपस्या के दौरान शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए किया. ऐसे में इसकी महत्ता का ख्याल बाजार को भी है. तभी तो बाजार में रेडी टू ड्रिंक सत्तू आ गया है. यह आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है. कम लागत और आसानी से उपलब्धता के कारण सत्तू अब हर वर्ग के लोगों में सुपर फूड के तौर पर पहचान बना रहा है. सब सत्तू महाराज के गुण गा रहे हैं और जय कर रहे हैं.

गर्मी में 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है मांग

सत्तू शरबत की दुकानों पर जुटती है भीड़

सात अनाज के आटे का मिश्रण है सत्तू

सत्तू सात अनाज के आटे से मिलकर बनता है. यह मिलावट नहीं, बल्कि अलग-अलग अनाज के आटे स्वास्थ्य के लिए उत्तम होते हैं. दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल बताते हैं कि कई लोग मिला हुआ सत्तू ले जाते हैं. ग्राहक बोलते हैं कि चने के सत्तू में जौ का सत्तू भी मिला दीजिए. कई लोग अलग-अलग अनाज का सत्तू लेकर उसे घर में मिलाकर तैयार कर लेते हैं. सत्यनारायण बताते हैं कि सत्तू में चना, जौ, मक्का, ज्वार, बाजरा और कई लोग जनेरा व मड़ुआ भी मिलाकर इसे तैयार करते हैं.

कच्चा व पकाकर कर सकते हैं उपयोग

रेडी टू ड्रिंक

सत्तू के फायदे और मांग का भान बाजार को भी है. वर्तमान में बाजार में सत्तू रेडी टू ड्रिंक के रूप में उपलब्ध है. रेडी टू ड्रिंक ब्रांड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ नमित चंद्र सिंह बताते हैं कि इस समय चार फ्लेवर में सत्तू उपलब्ध है, पीनट मसाला, लेमन जिंजर, जीरा मसाला और ऑल इन वन फ्लेवर. यह खोलो, काटो और पी लो की तरह है. सत्तू में फ्लेवर के अनुसार, सभी मसाले और नमक मिले हुए हैं. इसे केवल पानी में मिलाकर पी लेना है. यह 100 ग्राम, 200 ग्राम और आधा किलोग्राम पैकेट में उपलब्ध है. 100 ग्राम के पैकेट से दो गिलास तक सत्तू शरबत बन सकता है. इतना ही नहीं, बाजार को बच्चों का भी ध्यान है. इसलिए सत्तू को नमकीन के साथ-साथ मीठे स्वाद में भी उतारा गया है. मीठे में मैंगो, ऑरेंज और बनाना व चॉकलेट फ्लेवर में है. इस प्रकार सत्तू अब आम से लेकर खास लोगों की पहुंच में आ गया है. मसालेदार 100 ग्राम सत्तू 30 रुपये, 200 ग्राम सत्तू 60 रुपये और आधा किलोग्राम पैकेट की कीमत 150 रुपये है.

स्वास्थ्य का खजाना

मक्का-जौ आटा भी स्वास्थ्य के लिए वरदानडायटीशियन डॉ प्रीति सिंह बताती हैं कि चने के सत्तू में मक्के का आटा भी मिलाया जाता है. मक्के के आटे में भी फाइवर, विटामिन और मीनरल्स पाये जाते हैं. मक्के आटा ग्लूटेन फ्री होता है. सिलिएक डिजीज के लिए भी मक्के का आटा अच्छा माना जाता है. जौ सत्तू भोजन को पचाने में मदद करता है. वेट को मेनटेन रखता है.

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