टाटा से रांची के बीच हाइपरलूप का सपना होगा साकार! आइआइटी मद्रास के सफल परीक्षण से बढ़ी उम्मीदें

Tata Ranchi Hyperloop: आइआइटी मद्रास के सफल परीक्षण के बाद जमशेदपुर से रांची के बीच हाइपरलूप का सपना साकार होने के आसार बढ़ गये हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका सपना देखा था.

By Mithilesh Jha | February 27, 2025 7:16 PM
an image

Tata Ranchi Hyperloop: टाटा से रांची के बीच हाई-स्पीड यात्रा का सपना जल्द ही हकीकत बन सकता है. भारतीय रेलवे के सहयोग से आइआइटी मद्रास द्वारा किये गये सफल हाइपरलूप परीक्षण के बाद इस प्रोजेक्ट की संभावनाएं और मजबूत हो गयी है. टाटा स्टील भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सक्रिय रूप से शामिल है.

आइआइटी मद्रास ने किया सफल परीक्षण

आइआइटी मद्रास ने 422 मीटर लंबे हाइपरलूप ट्रैक पर पहली टेस्टिंग पूरी कर ली है. इस परीक्षण में 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पॉड्स को दौड़ाने की संभावना का अध्ययन किया गया. रेल मंत्रालय की आर्थिक मदद से विकसित इस प्रोटोटाइप को हाइपरलूप तकनीक की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है.

टाटा स्टील भी कर रही है काम

हाइपरलूप प्रोजेक्ट में टाटा स्टील भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. 29 दिसंबर 2022 को टाटा स्टील और ट्यूटर हाइपरलूप ने मिलकर आइआइटी मद्रास के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर विकसित किया जायेगा. टाटा स्टील, स्टील और कंपोजिट मैटेरियल के डिजाइन और विकास में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर रहा है, ताकि हाइपरलूप को वास्तविकता में बदला जा सके.

प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी : झारखंड के इस मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिया था प्रस्ताव

टाटा से रांची के बीच हाइपरलूप परियोजना की नींव 2017 में रखी गयी थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की घोषणा की थी. उनका लक्ष्य 2019 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का था, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. उन्होंने बेलारूस की एक कंपनी से हाईस्पीड ट्रेन टेक्नोलॉजी पर चर्चा करने की बात कही थी. हालांकि, सरकार बदलने के बाद इस योजना पर ज्यादा काम नहीं हो पाया, लेकिन अब रेलवे मंत्रालय और टाटा स्टील की सक्रिय भागीदारी से इस परियोजना के फिर से साकार होने की उम्मीद बढ़ गयी है.

क्या है हाइपरलूप?

हाइपरलूप एक बेलनाकार, खोखला ट्रैक होता है, जिसमें ऐरोडायनैमिक पॉड्स या कैप्स्यूल बेहद तेज गति से चलते हैं. यह तकनीक भविष्य के परिवहन साधनों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और यात्रा के समय को काफी कम कर सकती है.

झारखंड के लिए क्या होगा फायदा?

यदि टाटा से रांची के बीच हाइपरलूप का प्रोजेक्ट साकार होता है, तो झारखंड में यातायात के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा. इससे न सिर्फ लोगों का समय बचेगा, बल्कि उद्योगों और व्यापार को भी नई गति मिलेगी. साथ ही, यह प्रोजेक्ट झारखंड को आधुनिक परिवहन तकनीक में अग्रणी बना सकता है.

इसे भी पढ़ें : झारखंड में दुर्लभ बच्चे का जन्म, 1.5 किलो के नवजात को देख डॉक्टर भी हैरान

क्या होगा अगला कदम?

आइआइटी मद्रास के परीक्षण के बाद अब हाइपरलूप पॉड्स की उच्च गति पर टेस्टिंग की जायेगी. इसके बाद, रेलवे मंत्रालय और टाटा स्टील इस तकनीक को व्यावहारिक बनाने की दिशा में आगे कदम बढ़ायेंगे. यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले वर्षों में टाटा से रांची के बीच हाइपरलूप चलने का सपना सच हो सकता है.

इसे भी पढ़ें

पलामू में TSPC उग्रवादी उपेंद्र भुईयां गिरफ्तार, 652 गोलियां बरामद

27 फरवरी 2025 को आपके शहर में क्या है 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की कीमत, यहां देखें

L Khiyangte Education and Profile: कितने पढ़े-लिखे हैं जेपीएससी के नये चेयरमैन एल खियांग्ते?

Jharkhand Weather: अब तक 5.9 मिमी बारिश, वेदर डिपार्टमेंट ने बताया- अगले 15 दिन कैसा रहेगा झारखंड का मौसम

संबंधित खबर और खबरें

यहां जमशेदपुर न्यूज़ (Jamshedpur News) , जमशेदपुर हिंदी समाचार (Jamshedpur News in Hindi), ताज़ा जमशेदपुर समाचार (Latest Jamshedpur Samachar), जमशेदपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Jamshedpur Politics News), जमशेदपुर एजुकेशन न्यूज़ (Jamshedpur Education News), जमशेदपुर मौसम न्यूज़ (Jamshedpur Weather News) और जमशेदपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version