JHARKHANDNEWS: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में 7 से 9 मार्च 2025 तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय मागे महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. जोहार ट्रस्ट एवं आदिवासी हो समाज महासभा के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस महोत्सव में देशभर के 11 राज्यों से आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह महोत्सव आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. महोत्सव में पारंपरिक गीत, संगीत, नृत्य एवं खेलकूद की भव्य प्रस्तुतियां होंगी. जोहार ट्रस्ट के अध्यक्ष पिंटू चाकिया और सचिव दुर्गाचरण बारी ने जानकारी दी कि यह आयोजन आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
देखने को मिलेगी आदिवासी संस्कृति की अनोखी झलक
7 मार्च को महोत्सव के उद्घाटन दिवस पर 11 राज्यों से आए आदिवासी नृत्य दलों की प्रस्तुतियां होंगी. इन प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. 8 मार्च को ‘मागेसुसुन’ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विजेताओं को नकद पुरस्कार एवं मोमेंटो प्रदान किया जाएगा. साथ ही, इस दिन मेगा आर्ट फेस्टिवल का भी आयोजन होगा, जिसमें 2000 से अधिक छात्र भाग लेंगे. प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को भी सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा, पारंपरिक आदिवासी समाज के प्रमुख जैसे मानकी, मुंडा, दिऊरी, माझी बाबा और अन्य बुद्धिजीवियों को भी सम्मानित किया जाएगा. विभिन्न जनजातीय समुदायों द्वारा पारंपरिक गीत, नृत्य एवं संगीत प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे दर्शकों को आदिवासी संस्कृति की झलक मिलेगी.
बॉलीवुड के कलाकार ग्रैंड फिनाले में लगायेंगे डांस मस्ती का तड़का
9 मार्च को महोत्सव के अंतिम दिन ‘बिगेस्ट डांस चैलेंज’ का ग्रैंड फिनाले आयोजित होगा। ऑडिशन के माध्यम से चुने गए कलाकार इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे और अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान बॉलीवुड और झारखंड के जनजातीय सिने कलाकारों की भी रंगारंग प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा, ब्रिटेन गॉट टैलेंट में अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करने वाले भारत के पहले गलर्स डांस क्रू’योहाईनेस’ की लाइव परफॉर्मेंस ‘जोहारनाइट’ मंच पर होगी। यह महोत्सव झारखंड और देश के विभिन्न आदिवासी समुदायों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा और पारंपरिक कला एवं संस्कृति को नई पहचान देगा।
लोग आदिवासी जीवनशैली को करीब से देख सकेंगे
राष्ट्रीय मागे महोत्सव में आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 200 स्टॉल लगाए जा रहे हैं, जहां विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी सह बिक्री की व्यवस्था होगी. इन स्टॉलों में ट्राइबल फूड, परिधान, पुस्तकें, आर्ट एंड क्रॉफ्ट, फर्नीचर और डेकोरेशन आइटम सहित कई वस्तुएं उपलब्ध होंगी. इस पहल का उद्देश्य न केवल आदिवासी समुदाय की कला, शिल्प और उत्पादों को प्रमोट करना है, बल्कि इनसे जुड़े कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है. तीन दिवसीय इस महोत्सव में दर्शकों को आदिवासी मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियों के साथ उनके पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेने का भी अवसर मिलेगा. झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के पारंपरिक खानपान की झलक इन स्टॉलों में देखने को मिलेगी. यह महोत्सव आदिवासी जीवनशैली और संस्कृति को करीब से जानने और उनके उत्पादों को प्रोत्साहन देने का बेहतरीन मंच साबित होगा.