विश्रामपुर. प्रखंड क्षेत्र की लालगढ़ पंचायत में आवास योजनाओं में भारी अनियमितता बरती गयी है. अबुआ आवास व प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बड़े पैमाने पर पैसे की उगाही हुई है. आरोप है कि मुखिया ने रुपये लेकर सक्षम व अयोग्य लोगों को आवास योजना का लाभ दिलाया. वहीं रिश्वत नहीं देने वाले योग्य व जरूरतमंद लाभुकों का नाम सूची से गायब करा दिया है. लालगढ़ ग्राम पंचायत निवासी विजय चौधरी की पत्नी रूपा देवी का नाम आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में शामिल था. बताया जाता है कि पहले से ही पक्का मकान है. जांच के दौरान पंचायत सचिव ने रूपा देवी को अयोग्य घोषित कर दिया व उसका नाम आवास योजना के अयोग्य लाभुकों की सूची में डाल दिया. इसके बावजूद सारे नियमों को ताक पर रखते हुए मुखिया धर्मेंद्र चौधरी ने रूपा देवी को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना आवंटित कराया. इतना ही नहीं प्रखंड कार्यालय के ऑपरेटर ने भी उस लाभुक के खाता में प्रथम किश्त की राशि भेज दी. जबकि स्वीकृति अभिलेख में पंचायत सचिव बिमला कुमारी का हस्ताक्षर भी नहीं है. नियमतः पंचायत के किसी भी आवास योजना के अभिलेख में सचिव का हस्ताक्षर अनिवार्य है. आरोप है कि मुखिया धर्मेंद्र चौधरी ने यह कारनामा बीस हजार रुपये रिश्वत लेकर किया है. उक्त मामला तो बानगी मात्र है. पंचायत के लोगों की माने तो अबुआ आवास योजना व प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हर लाभुक से उगाही की गयी है. इस कारण सक्षम व अयोग्य लोगों को इस योजना का लाभ मिला और योग्य व जरूरतमंद लोग आवास का लाभ लेने से वंचित रह गये. इस मामले में पंचायत सचिव विमला कुमारी ने बताया कि मेरे हस्ताक्षर के बगैर अभिलेख को फॉर पास कर रूपा देवी को प्रथम किश्त भेज दी गयी. इस मामले में प्रखंड कार्यालय में कार्यरत ऑपरेटर प्रीति कुमारी की भूमिका संदिग्ध है. नियमों को ताक पर रख कर किस्त की राशि खाता में भेजी गयी. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जानकारी मुखिया व प्रखंड कार्यालय को दे दी गयी है. मुखिया धर्मेंद्र चौधरी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मुखिया की कोई भूमिका नहीं होती है. इधर ग्रामीणों ने पलामू डीसी से पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
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