मेदिनीनगर. आयुष्मान भारत योजना को लेकर सिविल सर्जन डा अनिल कुमार ने सोमवार को विश्रामपुर के प्रकाश आइ केयर का निरीक्षण किया. इस दौरान आयुष्मान भारत के जिला प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर डा प्रेमचंद व डा अनूप कुमार शामिल थे. आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में 17 निजी अस्पताल का पूर्व में रजिस्ट्रेश न था. जिसमें से चार अस्पताल का रजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत समाप्त कर दिया गया है. सीएस ने बताया कि शहर के आबादगंज स्थित अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत निबंधित था. शिकायत मिलने पर जांच की गयी थी. जिसके बाद उक्त अस्पताल से आयुष्मान भारत का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया. अस्पताल से पिछले वर्ष 36 लाख रुपये की रिकवरी भी की गयी है. आयुष्मान भारत योजना के तहत नियम है कि यदि किसी मरीज का जांच के दौरान गलत रिपोर्ट पाया जाता है, तो संबंधित अस्पताल के द्वारा मरीज का इलाज के दौरान पैसा डिमांड किया जाता है. उससे पांच गुना ज्यादा पैसा संबंधित हॉस्पिटल से वसूला जाता है. आयुष्मान योजना के तहत उसका निबंधन भी रद्द कर दिया जाता है. मालूम हो कि नेशनल एंटी फ्राॅडूलेंट यूनिट (नाफू) के द्वारा एक मरीज की आंख के ऑपरेशन को लेकर सवाल उठाया गया था. मरीज के आंख का ऑपरेशन किया गया है. उसका अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे का रिपोर्ट अटैच नहीं किया गया था. इसके बाद इस अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत किसी भी मरीज के आंख का ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है. जबकि बाकी मरीजों के ऑपरेशन पर कोई रोक नहीं है. सिविल सर्जन डा सिंह ने बताया कि निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों के साथ किसी तरह से मनमानी न करे. इसे लेकर निरीक्षण किया जा रहा है.
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