मेदिनीनगर. चैत्र नवरात्र के अवसर पर सदर प्रखंड के रजवाडीह समतटांड़ स्थित हनुमान मंदिर परिसर में श्री रामचरितमानस नवाह्न परायण महायज्ञ के 18वां अधिवेशन का आयोजन हुआ है. महायज्ञ को लेकर शनिवार को कलश यात्रा निकाली गयी. मुख्य अतिथि राज्य के पूर्व स्पीकर इंदरसिंह नामधारी व विशिष्ट अतिथि मुखिया अनुज त्रिपाठी ने पूजा-अर्चना के बाद कलश यात्रा शुरू करायी. पूर्व स्पीकर श्री नामधारी ने कहा कि श्री रामचरितमानस परायण महायज्ञ के आयोजन की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जब इसका श्रवण करनेवाले लोग मानस के संदेशों को आत्मसात करेंगे. मानस के आधार पर चलने से ही मानव जीवन का कल्याण होगा. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने श्री रामचरितमानस सद्ग्रंथ के माध्यम से समाज को अनुपम संदेश दिया है. मानस के किसी एक चौपाई का अनुसरण करने से ही जीवन सार्थक होगा. वहीं मंदिर परिसर से निकली कलश यात्रा गांव में भ्रमण करते हुए अमानत, मलय व कुंदरहिया नदी संगम पर पहुंची. श्रद्धालु महिला-पुरूषों ने मां गंगे की पूजा अर्चना करने के बाद कलश में जल उठाया. आचार्य हृषिकेश पांडेय परासर ने पूजा संपन्न करायी. यजमान संजीव पांडेय व उनकी धर्मपत्नी मुख्य कलश लेकर चल रहे थे. बाजे-गाजे के साथ कलश यात्रा लौटी. प्रभु श्रीराम व हनुमान के जयघोष से वातावरण गूंज रहा था. शाम में हनुमत पूजा के बाद अखंड कीर्तन शुरू हुआ. यज्ञ समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पांडेय ने बताया कि 30 मार्च को कलश स्थापित होगा और नवरात्र पूजा शुरू होगी. उसी दिन सुबह से पाठकर्ता व्यास पंडित दीपक पांडेय के नेतृत्व में मानस पाठ शुरू किया जायेगा. शाम में वृंदावन से पधारे पंंडित श्यामल जी मिश्र के द्वारा भगवान की कथा का रसपान कराया जायेगा. इसके बाद आदर्श रामलीला मंडली के कलाकार भगवान की लीला प्रस्तुत करेंगे. मौके पर समिति के संरक्षक मधुसूदन त्रिपाठी, रतन पांडेय, अवधेश पांडेय, रमेशचंद्र पांडेय, श्यामचंद्र पांडेय, सचिव प्रभात रंजन पांडेय, महासचिव सत्यवान पांडेय, नितीन पांडेय, सुनील पांडेय, संतोष, सुरेंद्र, देवेंद्र, सुशील, निखिल, सुधांशु, मिथलेश पांडेय सहित काफी संख्या में महिला-पुरूष शामिल थे.
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