मेदिनीनगर. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या तीन के निमियां मुहल्ला में मंगलवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम हुआ. इसमें शामिल निमियां के महिला- पुरुषों ने बेबाक तरीके से अपनी समस्याएं रखी. निगम प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश देखा गया. कार्यक्रम में शामिल महिला-पुरुषों ने साफ तौर पर कहा कि निगम प्रशासन टैक्स वसूली केंद्र बन कर रह गया है. जन समस्याओं के समाधान व क्षेत्र के विकास के प्रति निगम प्रशासन गंभीर नही है. निगम कार्यालय परिसर में एक करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर सुंदरीकरण किया गया, लेकिन शहर के कई ऐसे इलाके हैं, जो विकास से उपेक्षित है. लोगों ने जनप्रतिनिधियों को भी कोसा. कहा कि बुनियादी समस्याओं से जूझ रही जनता त्राहिमाम कर रही है और शासन प्रशासन में बैठे लोग चैन की बांसुरी बजा रहे हैं. सांसद, विधायक को कोई मतलब नहीं है. अब वे लोग चुनाव जीत गये हैं. निगम के जनप्रतिनिधि भी चुनाव के इंतजार में हैं. जब नगर निकाय के चुनाव की सुगबुगाहट होती है, तो चुनाव लड़ने वाले क्षेत्र भ्रमण शुरू कर देते हैं. लेकिन विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही जनता को राहत दिलाने के लिए कोई आगे नही आ रहा है. लोगों ने बताया कि पानी, बिजली, सड़क व जल निकासी की समस्या गंभीर बनी हुई है. साफ-सफाई का कार्य भी नहीं होता. करीब 10 वर्ष पूर्व जलापूर्ति योजना के तहत बनी जलमीनार हाथी दांत साबित हो रही है. पीएचइडी के पदाधिकारी व संवेदक की मिलीभगत से राशि की बंदरबांट की गयी और योजना अधूरी रह गयी. एक साल भी इस योजनाओं का संचालन सही तरीके से नहीं हुआ. कई इलाकों में जलापूर्ति का पाइप भी नही बिछाया गया है. इस तरह वित्तीय वर्ष 2015-16 में बनी यह जलापूर्ति योजना लूट का शिकार हो गयी. यदि निगम प्रशासन इन समस्याओं का समाधान एक सप्ताह के अंदर नही करता है, तो वे लोग उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे. राजकुमार महतो, सुखराज राम, विनोद चंद्रवंशी, राजेश्वर सिंह,अनिता देवी, संपतिया कुंवर, सीता देवी, राजेश, छोटू सिंह, विकास पार्वती कुंवर, शांति कुंवर, अशोक राम सहित अन्य लोगों ने कहा कि सुविधा नदारद है. लेकिन निगम प्रशासन टैक्स वसूल रही है. निमिया ड्राइजोन इलाका है. फिर भी निगम प्रशासन के द्वारा इस वर्ष टैंकर से पानी की आपूर्ति नहीं की गयी. जबकि प्रत्येक वर्ष क्षेत्र से टैंकर से जलापूर्ति होती थी. लोग अपना प्यास बुझाने व जरूरत पूरा करने के लिए पानी का जुगाड़ करते हैं. भीषण गरमी में जल संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र के लोगों की दशा जानने के लिए भी न तो जनप्रतिनिधि आये और न ही निगम प्रशासन के किसी कर्मी ने सुध ली.
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