विश्रामपुर. रेहला – बी मोड़ स्थित संत तुलसीदास डिग्री कॉलेज के सभागार में गुरुवार को हिंदी विभाग की ओर से एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य केके चौबे ने की. संचालन हिंदी विभाग के प्रो राकेश कुमार शुक्ला ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. संगोष्ठी में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का छायावाद में योगदान विषय पर चर्चा हुई. मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य विजयकांत शुक्ला ने कहा कि कवियों व लेखकों ने हिंदी साहित्य को चार भागों में विभाजित किया है, जिसका एक भाग छायावाद भी है. जिस पर निराला ने काव्य भी लिखा है. उन्होंने कहा कि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की सर्वश्रेष्ठ कविता राम की शक्ति पूजा है. प्राचार्य केके चौबे ने निराला द्वारा लिखित छायावाद उपन्यास पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. विशिष्ट अतिथि दीपराम कुमार ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का छायावाद में योगदान पर कई तर्क प्रस्तुत किया. हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ श्याम मिश्रा ने भी विचार प्रकट किया. संगोष्ठी में व्याख्याता शबनम निशा, डॉ सुनील यादव, संतोष शुक्ला, जितेंद्र पाठक, मधु ओझा, दिलीप चौबे, अमित कुमार, गुंजन पासवान, आशीष पांडेय, दिनेश शाह, सुधीर यादव, रामेश्वर राम सहित कई कॉलेज कर्मी व विद्यार्थी शामिल हुए.
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