मेदिनीनगर. रांची हाइकोर्ट ने गर्मी को देखते हुए व्यवहार न्यायालय का कार्य सामान्य दिनों की तरह संचालित करने का आदेश दिया है. इस वजह से पलामू व्यवहार न्यायालय में कामकाज सामान्य दिनों की तरह संचालित हो रहा है. पलामू जिला अधिवक्ता संघ ने इस मामले को गंभीरता से लिया. गुरुवार को संघ कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताते हुये न्यायालय का कार्य प्रात: कालीन संचालित करने की जरूरत बतायी. संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव ने कहा कि पिछले कई वर्षों से गर्मी के दिनों में न्यायालय का कार्य दो अप्रैल से प्रात: कालीन संचालित होता था, लेकिन उच्च न्यायालय ने कार्य के समय में बदलाव करते हुए इसे आम दिनों की तरह संचालित करने का निर्देश दिया है, जो पलामू में परिप्रेक्ष्य में उचित नहीं है. उन्होंने बताया कि बुधवार को संघ के युवा अधिवक्ता अखिलेश कुमार तेज धूप व गर्मी की वजह से वकालत खाना में बेहोश हो गये थे. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और संघ ने 10 हजार रुपये आर्थिक सहयोग किया. उन्होंने कहा कि कार्य अवधि में बदलाव के लिए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को स्थिति से अवगत कराया गया है. उपाध्यक्ष विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि गर्मी के दिनों में पलामू का तापमान हमेशा 45 डिग्री पार कर जाता है. सुदूर क्षेत्र से न्यायालय आने वाले मुवक्किलों को भी काफी परेशानी होती है. गर्मी में प्रात:कालीन अवधि में न्यायालय का कार्य संचालित होने से अधिवक्ता व मुवक्किल को सुविधा होगी. कोषाध्यक्ष जय किशोर पाठक ने कहा कि बिहार के तर्ज पर पलामू में भी न्यायालय का कार्य प्रातःकालीन होना चाहिए. मौके पर सहायक कोषाध्यक्ष देव कुमार शुक्ला, संजय पांडेय, गोपाल मिश्रा, वीरेंद्र तिवारी, ललित शुक्ला, उमेश कुमार पासवान आदि मौजूद थे.
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