मेदिनीनगर. सोमवार को शहर के बजराहा स्थित माता रामा बाई सभागार में भेड़ पालकों का मिलन समारोह हुआ. इसक आयोजन घुमंतु भेड़ पालक संघ ने किया. दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथियों ने समारोह का उदघाटन किया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि पाल ने भेड़ पालकों की दशा व दिशा पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि भेड़ पालक एक जगह स्थायी नहीं रहते. बल्कि गांव-देहात व जंगलों में भेड़ के साथ भ्रमण करते रहते हैं. इसलिए उन्हें घुमंतु भेड़ चरवाहा भी कहा जाता है. वर्तमान समय में भेड़ पालक की स्थिति काफी बदतर है. सरकार के द्वारा उनलोगों को किसी भी तरह की सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाता.अब चारागाह कम होते जा रहे हैं. आये दिन भेड़ चरवाहों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के पशुपालन मंत्री ने भेड़ पालकों को भेड़ उपलब्ध कराने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत भेड़ पालकों को सरकार भेड़ उपलब्ध कराये और उन्हें अन्य योजनाओं का सीधा लाभ दें. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ ने वर्ष 2026 को घुमंतु पशुपालक समुदाय वर्ष घोषित किया है. इसका मुख्य उद्देश्य पशुपालकों की दशा को सुधारना और उनके जीवन स्तर में बदलाव लाना है. क्रांतिकारी किसान मजदूर युनियन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पाल ने कहा कि भेड़ पालक चरवाहा को अपने हक अधिकार के लिए जागरूक व एकजुट होना होगा. एकजुटता दिखाते हुए संघर्ष तेज करने की आवश्यकता है तभी सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए गंभीर होगी. समारोह में वक्ताओ ने भेड़पालकों को अच्छे नस्ल की भेड़ उपलब्ध कराने, चरवाहों को बीमा कराने, भेड़ों का टीकाकरण की व्यवस्था करने और भेड़ के बाल की खरीद के लिए सरकार को व्यवस्था करना चाहिए. मौके पर अरविंद पाल, मुखिया भूषण पाल, कुंदन भगत, रमेश पाल, अजीत पाल, संतोष, अजय, सुरेंद्र, राजेश, रामापाल, राजदेव भगत ने कहा कि गड़ेरिया समाज का जीविकोपार्जन का सहारा भेड़ पालन है. सरकार को इसे बढ़ावा देने की जरूरत है.
संबंधित खबर
और खबरें