नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा जांच, डिजिटल बोर्ड विवाद और अतिक्रमण हटाने की पहल पीएचडी की परीक्षा व परिणाम की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित फोटो 31 डालपीएच- 12 प्रतिनिधि : मेदिनीनगर नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय (एनपीयू) के कुलपति डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने पीएचडी-2023 की परीक्षा और परिणाम की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. साइंस डीन डॉ गजेंद्र सिंह को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है. अन्य सदस्य में सोशल साइंस डीन डॉ. नीता सिन्हा, जेएस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पासवान, पीआईओ डॉ. जय कुमार होनहागा और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अजीत कुमार सेठ हैं. कुलपति ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वे विश्वविद्यालय के विकास और शैक्षणिक सुधार की दिशा में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि छह माह में व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव दिखेगा. पूर्व में वे विनोबा भावे और रांची विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति रहे, लेकिन कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया. डिजिटल बोर्ड की खरीद को लेकर भी जानकारी दी गयी. वर्ष 2021 में 80 लाख रुपये की राशि से 16 डिजिटल बोर्ड खरीदे गये थे. वर्ष 2025 में जेएम पोर्टल के माध्यम से 20 डिजिटल बोर्ड क्रय किये गये हैं. ये बोर्ड 75 इंच हैं, जिन पर 18% जीएसटी लागू होता है. भुगतान जीएसटी विभाग से टैक्स क्लियर होने के बाद ही किया जायेगा. डिजिटल बोर्ड से अन्य कॉलेजों के छात्रों को नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की योजना है. अतिक्रमण के मुद्दे पर कुलपति ने बताया कि कॉलेज और विश्वविद्यालय की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन को चार बार पत्राचार किया गया है. जेएस कॉलेज के प्राचार्य को अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. प्रेस वार्ता में पीआरओ डॉ. विनीता दीक्षित, डीएसडब्ल्यू डॉ. एसके पांडेय और वित्त पदाधिकारी डॉ. विमल सिंह भी उपस्थित थे.
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