रांची. अनुबंध के आधार पर नियुक्त 2200 सहायक पुलिसकर्मियों (महिला व पुरुष) को नौकरी जाने की चिंता सताने लगी है. सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि आगामी आठ अगस्त से 30 अगस्त के बीच सभी 12 जिलों में (दुमका, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा व लातेहार) समाप्त होने वाली है. इस संबंध में अब तक गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में सहायक पुलिसकर्मियों में नौकरी जाने का डर बना हुआ है. उन्हें यह आशंका है कि रक्षा बंधन के अवसर पर जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधेगी, उसी समय अनुबंध समाप्ति का लेटर थमा दिया जायेगा. सहायक पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से निवेदन किया है कि पहले जिस प्रकार उनकी समस्याओं का कुछ समाधान किया गया था, उसी तरह फिर से अनुबंध का विस्तार किया जाये. मुख्यमंत्री के पूर्व प्रयासों से सहायक पुलिसकर्मियों की उम्मीदें बढ़ी हैं. उन्होंने मांग की है कि अनुबंध समाप्ति से पूर्व स्थायी समाधान किया जाये, ताकि नौकरी जाने का डर समाप्त हो सके. गौरतलब है कि पिछले साल लंबे आंदोलन के बाद उनकी मांगों पर विचार कर वेतन दस हजार से बढ़ाकर 13 हजार कर दिया गया था. झारखंड सहायक पुलिसकर्मी एसोसिएशन के सचिव विवेकानंद गुप्ता का कहना है कि हमसे जिला पुलिस का काम लिया जाता है, लेकिन हमारा वेतन होमगार्ड से भी कम है. इस पर भी विचार किया जाये.
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