झारखंड के अस्पतालों में फर्जी दस्तावेज के सहारे रेफरल घोटाले को दिया जा रहा अंजाम, जानें इसकी बड़ी वजह

फर्जी दस्तावेज के सहारे रेफरल घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. इसके लिए मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. पलामू स्थित मईयां बाबू अब इस घोटाले में शामिल हो गया है

By Prabhat Khabar News Desk | July 23, 2022 8:41 AM
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रांची : राज्य में करीब-करीब सभी जिलों में आयुष्मान भारत योजना के तहत रेफरल घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. इस घोटाले में गड़बड़ी करने के लिए फर्जी दस्तावेज के सहारे मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में भेजा (रेफर) जाता है. रेफरल घोटाले में शामिल पलामू जिले के ‘मईयां बाबू ’अस्पताल ने एक साल में ही इलाज के नाम पर एक करोड़ रुपये का दावा किया है. इस अस्पताल के कर्ता-धर्ता डॉक्टर कादिर परवेज हैं.

फिलहाल वह पलामू मेडिकल में पदस्थापित हैं. पलामू स्थित मईयां बाबू नामक यह निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत अप्रैल 2021 में सूचीबद्ध हुआ है. सूचीबद्ध होने के कुछ ही महीनों बाद यह अस्पताल रेफरल घोटाले में शामिल हो गया. रेफरल घोटाले को अंजाम देने के लिए इस अस्पताल ने गढ़वा सदर अस्पताल के फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया है.

गढ़वा सदर अस्पताल में बाह्य रोगियों के लिए इस्तेमाल की जानेवाली पर्ची पर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए ‘हायर सेंटर’ में रेफर करने का उल्लेख किया गया है. हालांकि इसमें किसी अस्पताल के नाम का उल्लेख नहीं है. निजी अस्पतालों में रेफर करने के लिए गढ़वा सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नाथुन के नाम और उनके रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल किया गया है.

मरीजों को सदर अस्पताल से रेफर करने के लिए तैयार फर्जी दस्तावेज में फर्जी मुहर का इस्तेमाल किया गया है. इसमें डॉक्टर नाथुन साह को गढ़वा-पलामू के चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में दिखाया गया है. डॉक्टर नाथुन साह ने ‘मईंया बाबू’ अस्पताल द्वारा की गयी इस जासलाजी की शिकायत झारखंड आरोग्य सोसाइटी से की है. इसमें कहा गया है कि मईयां बाबू अस्ताल ने जिन मरीजों को उनके द्वारा रेफर दिखाया है, उन मरीजों को उन्होंने कभी नहीं देखा है. किसी दूसरे व्यक्ति ने रेफरल पेपर पर उनके नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर का उल्लेख किया है.

फर्जी रेफरल दस्तावेज बनाने की वजह

आयुष्मान में ऑपरेशन से बच्चा पैदा कराने, बच्चेदानी का ऑपरेशन आदि निजी अस्पताल सीधे तौर पर नहीं कर सकते हैं. ऐसे आॅपरेशन के लिए जरूरी है कि सरकारी अस्पताल इसे रेफर करे. हालांकि निजी अस्पताल सीधे यह ऑपरेशन करने के लिए फर्जी रेफरल पेपर तैयार करते हैं. बाबू मईंया अस्पताल ने सीधे ऑपरेशन करने के लिए कागज में पलामू के मरीज को गढ़वा सदर अस्पताल भेजा. रेफर करा पलामू लाया व ऑपरेशन किया.

Posted by: Sameer Oraon

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