आनंद मोहन(रांची). झारखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है. दो चरणों में 81 सीटों के लिए मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है. झारखंड की सत्ता फिलहाल इवीएम में लॉक हैं. अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है. इधर, झारखंड की सत्ता का ताज किसके सर सजेगा, इसको लेकर अटकलें चल रही हैं. कहीं एनडीए, तो कहीं इंडिया गठबंधन को आगे बताया जा रहा है. झारखंड विधानसभा के चुनाव में दो ध्रुवों के बीच लड़ाई रही. वोटरों की गोलबंदी भी इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच रही, यही कारण रहा है कि आठ से 10 सीटों पर टाइट फाइट है. यह मानकर चला जा रहा है कि विधानसभा में इस बार इंडिया और एनडीए दोनों ही सत्ता के करीब होंगे. कुर्सी तक का रास्ता इन्हीं टाइट फाइटवाली आठ से 10 सीट तय करेंगी. वहीं, इस चुनाव में हेमंत सोरेन सरकार की योजनाओं का अंडर करंट की तलाश भी हो रही है. कोल्हान, संताल परगना और दूसरे प्रमंडलों के ग्रामीण इलाके में वोट बढ़े हैं. इसमें महिलाओं के वोट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मंईयां सम्मान योजना, बिजली माफी योजना, पुरानी पेंशन स्कीम जैसी योजनाओं को हेमंत सोरेन का ‘मास्टर स्ट्रोक’ माना जा रहा है.
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