रांची (वरीय संवाददाता). संयुक्त मोरचा के कंवेंशन में 20 मई की हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया. रविवार को राजधानी में आयोजित कंवेंशन में तय किया गया कि हड़ताल को सफल करने के लिए सभी मजदूर यूनियन एकजुट होकर सड़क पर उतरेंगे. सम्मेलन का उदघाटन करते हुए वरीय मजदूर यूनियन नेता सह पूर्व सांसद रमेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र की नीतियां मजदूर विरोधी हैं. श्रम संहिता लागू होने के पहले से ही स्थायी नौकरी का ठेकाकरण हो रहा है. मौजूदा श्रम कानूनों के बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहा है. संघर्ष करने वाले मजदूर यूनियनों को प्रतिबंधित करने की साजिश हो रही है. ट्रेड यूनियन नेताओं और कार्यकर्ताओं का निलंबन, बर्खास्तगी और यहां तक कि झूठे मामलों में गिरफ्तारी हो रही है. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 17 सूत्री मांगों को नकारा जा रहा है. इनके अलावा जन कल्याणकारी मदों के लिए बजटीय आवंटन में लगातार कटौती हो रही है. आम जनता पर कर का बोझ बढ़ा है. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सितंबर 2020 में 29 मौजूदा श्रम कानूनों को निरस्त करके श्रम संहिताओं को संसद में पारित करने के बावजूद लागू नहीं किया जा सका है. देशव्यापी एकजुट श्रमिक आंदोलन के कारण ही केंद्र सरकार चार साल से अधिक समय से चार श्रम संहिताओं को लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं कर पायी है. मौजूदा श्रम कानूनों में कमियों के बावजूद भी कार्यस्थल, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, संरक्षण और कल्याण आदि उपलब्ध है. कन्वेंशन में इंटक के संजीव श्रीवास्तव, एटक के अशोक यादव, सीटू के भवन सिंह, एआइसीसीटीयू के जगन्नाथ उरांव, एआइयूटीयूसी के राजीव कुमार तिवारी थे. इस मौके पर लखन लाल महतो, संजीव सिन्हा, अंबुज ठाकुर, आर.पी.सिंह, शुभेंदु सेन, मोहन चौधरी, रमेश सिंह, वाइपी सिंह, एमएल सिंह, बैजनाथ सिंह, महेंद्र सिंह, बीरेंद्र यादव, अंजनी कुमार, सुनील साह, एलएल महतो, बेलाल, सरिता किंडो ने भी विचार रखे.
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