रांची. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अनुशंसा के आलोक में पुलिस हिरासत में मृत बेचन गंझू की आश्रिता पत्नी मलमलीया देवी, ग्राम-केडिमोड़, प्रखंड हंटरगंज जिला चतरा को पांच लाख रुपये मुआवजा राशि भुगतान की स्वीकृति गृह विभाग ने दे दी है. गौरतलब है कि चतरा पुलिस की हिरासत में 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत की घटना को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया था. जिसमें बताया गया है कि केड़ी मऊ गांव निवासी बेचन गंझू को पुलिस ने 24.11.2019 को हिरासत में लिया था, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि वह नक्सली तत्वों से जुड़ा हुआ था. जबकि परिवार वालों का कहना था कि वह किसान थे. पीड़ित के बेटे ने कथित तौर पर कहा है कि उसके पिता को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया था और बाद में उनके साथ मारपीट की गयी. पीड़ित को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की खबर फैलते ही पीड़ित का बेटा गांव के मुखिया के साथ थाने पहुंचा, लेकिन उसे उसके पिता से मिलने नहीं दिया गया. शाम को जब वे वापस लौट रहे थे, तो उन्हें संदेश दिया गया कि पीड़ित की तबीयत ठीक नहीं है और उसे सदर अस्पताल भेजा गया है. ग्रामीण अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्हें पीड़ित से मिलने नहीं दिया गया. अगली सुबह पुलिस कर्मियों ने पीड़ित बेचन गंझू की मौत की सूचना परिवार को दी. ग्रामीणों का आरोप था कि पीड़ित को पुलिस की कोबरा टीम द्वारा पीटते हुए देखा था. हालांकि पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद पीड़ित को पुलिस थाने ले जाया जा रहा था, तभी उसकी हालत बिगड़ गयी और उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया और वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आयोग ने इस मामले में मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस भी जारी किया था. अंत में 24 अक्तूबर 2024 को आयोग ने मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपये मुआवजा भुगतान का आदेश दिया. इसी आलोक में गृह विभाग ने राशि की स्वीकृति दी है.
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