रांची. देशव्यापी आम हड़ताल का असर झारखंड में भी रहा. सीसीएल की कई खदानों में तीनों शिफ्ट में नियमित कर्मियों के साथ-साथ ठेका कर्मी भी हड़ताल पर रहे. उत्पादन पर असर पड़ा. ढुलाई प्रभावित हुई. वहीं सीसीएल के मुख्यालय में हड़ताल का आंशिक असर रहा. सीसीएल के एनके, अरगड्डा, बरकासयाल, मगध, संघमित्रा, गोविंदपुर, बीएंडके, कथारा, रजरप्पा, हजारीबाग, पिपरवार, आम्रपाली में 90 से लेकर 100 फीसदी तक हड़ताल रही. सीएमपीडीआइ के बिलासपुर, सिंगरौली, भुवनेश्वर क्षेत्रीय संस्थानों में व्यापक असर रहा. नागपुर में आंशिक असर रहा.
एचइसी में प्रदर्शन, कामकाज प्रभावित
एचइसी के मजदूरों ने देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. सुबह आठ बजे के पहले ही सीआइएसएफ के जवानों को लेकर निदेशक उत्पादन और निदेशक कार्मिक स्वयं मजदूरों को कारखाना के अंदर जाने के लिए कहते रहे. कर्मियों ने प्रबंधन के आग्रह को नजरअंदाज कर दिया. आंदोलन में हटिया मजदूर यूनियन, हटिया कामगार यूनियन शामिल रहे. हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन ने नैतिक समर्थन किया, लेकिन बंद में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं लिया.
बैंक कार्यालयों के बाहर कर्मचारियों का प्रदर्शन
राजधानी के सार्वजनिक बैंकों के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के सामने बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन किया. अरगोड़ा स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया क्षेत्रीय कार्यालय, कांटाटोली स्थित पीएनबी, सुजाता चौक पर बैंक ऑफ बड़ौदा, प्रधान टावर स्थित बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक, ग्रामीण बैंक सहित रांची और क्षेत्रीय कार्यालय धनबाद में यूनियन द्वारा प्रदर्शन किया गया. इसमें ऑफिसर फेडरेशन के महामंत्री ज्योतेश्वर पांडेय, यूनियन बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री दिनेश कुमार शर्मा, धनबाद क्षेत्रीय कार्यालय के उपाध्यक्ष सुनील कुमार आदि शामिल हुए.
कर्मचारी संघ ने उठायी 21 सूत्री मांगें
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह के नेतृत्व में सैकड़ों राज्य कर्मचारी 21 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में गणेश प्रसाद सिंह, पवन कुमार, अमरेंद्र कुमार, करण कुमार गुप्ता, पंकज कुमार, श्याम लाल पासवान, रिंकू कुमार, मुकेश कुमार, बलराम कुमार आदि शामिल हुए.
बिजली कर्मियोंं ने भी किया प्रदर्शन
आम हड़ताल के समर्थन में बुधवार को बिजली कर्मियों ने भी प्रदर्शन किया. बिजली बोर्ड मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर देशभर में बिजली के निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी की. बांहों में सभी कर्मी काला बिल्ला लगाकर विरोध कर रहे थे. मौके पर जीएम संजय कुमार सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
भाकपा ने हड़ताल को बताया सफल
भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने मजदूर-किसान हड़ताल को सफल बताया. उन्होंने कहा कि यह हड़ताल केंद्र सरकार की मौजूदा नीतियों के खिलाफ थी, जिसे आम जनता का भी समर्थन मिला.
35 लाख श्रमिक हुए शामिल : माकपा
माकपा राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि झारखंड में हड़ताल असरदार रही. राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में इसका व्यापक असर पड़ा. लगभग 35 लाख श्रमिकों ने हड़ताल में भाग लिया.
जनता आक्रोशित है : भाकपा माले
माले के पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सफल हड़ताल इस बात का संकेत है कि मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों से आम जनता आक्रोशित है. उन्होंने कहा कि यदि 17 सूत्री मांगें नहीं मानी गयीं तो संघर्ष और सघन व व्यापक किया जायेगा.
नता केंद्र की गलत नीतियों से परेशान : राजद
राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल को सफल बताया. उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों की मांग के समर्थन में पार्टी के नेता व कार्यकर्ता सभी जिलों में सड़क पर उतरे. जनता केंद्र की गलत नीतियों से परेशान है.
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