रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने टेंडर कमीशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी इडी की ओर से पक्ष रखा गया. पिछली सुनवाई 13 जून को प्रार्थी आलमगीर आलम की ओर से पक्ष रखा गया था. दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आलमगीर आलम ने जमानत याचिका दायर की है. इडी ने 15 मई 2024 को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में बंद हैं. उन पर टेंडर आवंटन में कमीशन लेने का आरोप इडी ने लगाया है. इडी ने सबसे पहले 21 फरवरी 2023 को आरइओ के तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची, जमशेदपुर, पटना व दिल्ली समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया था. इडी की दूसरी कार्रवाई छह व सात मई 2024 को हुई, जिसमें कई इंजीनियर, ठेकेदार व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और उनके पीएस संजीव लाल के ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से इडी ने लगभग 32 करोड़ रुपये नकद बरामद किये थे. इसके बाद जांच का दायरा तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचा था. दो दिन की पूछताछ के बाद इडी ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था.
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