संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार और उसकी वर्तमान स्थिति पर विमर्श
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ मंजरी राज उरांव और नीतू साक्षी टोप्पो के बाद शुभम अहाके ने संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार और उसकी वर्तमान स्थिति पर बातचीत करते हुए संविधान में आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधानों तथा उसके जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल किए. अंतिम वक्ता के रूप में स्वाति असुर ने असुर आदिवासी समाज कल, आज और कल विषय पर बातचीत करते हुए असुर आदिवासियों की सृजन, संस्कृति, परंपरा, राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था, सांस्कृतिक व्यवस्था और भविष्य में इसकी राह अर्थात अनंत काल तक मां प्रकृति के संरक्षण में रहने की बात कही. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर डॉ गणेश मांझी ने की और संचालन प्रवीण उरांव और अरविंद भगत ने किया. कार्यक्रम का समापन में कविता पाठ के साथ हुआ. नीतू साक्षी टोप्पो, अरविंद भगत और डॉ गणेश मांझी के अपनी कविता पढ़ी. इसके बाद प्रसिद्ध आदिवासी साहित्यकार ने सुंदर टिप्पणी देते हुए धुमकुड़िया को बौद्धिक आंदोलन के रूप में परिभाषित किया. कार्यक्रम का समापन प्रवीण उरांव ने धन्यवाद ज्ञापन से किया गया.
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हर गांव में धुमकुड़िया निर्माण पर जोर
राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के अध्यक्ष संजय कुजूर ने हर गांव में धुमकुड़िया निर्माण और सांस्कृतिक अभ्यास के साथ-साथ पुस्तकालय की स्थापना पर जोर दिया. अधिवक्ता निशी कच्छप, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रांची के प्रोफेसर रामचंद्र उरांव द्वारा विधिक जागरूकता पर बात की गयी. आदिवासी समाज में शिक्षा का महत्व पर स्कॉलर राजनीति विज्ञान के अरविंद भगत द्वारा वक्तव्य दिया गया. धुमकुड़िया का उद्देश्य एवं महत्व पर जोर देते हुए इसके संरक्षण का आह्वान किया गया. करियर काउंसलिंग के माध्यम से आदिवासी बच्चों को विभिन्न शैक्षणिक विकल्पों, अवसरों के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी गयी. दो पेपर प्रस्तुत किया गया. युवा शिक्षक देवराम भगत और स्कॉलर प्रवीण उरांव जिनके विषय हैं-वैश्वीकरण एवं आदिवासी समाज, आवासीय विद्यालय में आदिवासी बच्चों के अधिगम परिणाम के प्रभावी कारकों विषयों पर बात रखी गयी. सांस्कृतिक कार्यक्रम में क्षेत्रीय भाषा के महत्व पर नाटक के माध्यम से प्रस्तुति दी गयी. इसके साथ ही कडसा नृत्य, सांस्कृतिक नृत्य डिबडीह, हिंदपीढ़ी और ओरमांझी टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया.
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कार्यक्रम के आयोजन में इनकी रही अहम भूमिका
धुमकुड़िया-2023 का आयोजन सरना प्रार्थना सभा रांची महानगर, सरना यूथ वेलफेयर ग्रुप और एसटी एम्प्लोयी वेलफेयर एसोसिएशन (सेवा) ने किया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पंकज भगत, कृष्णा धर्मेस लकड़ा, ब्रजकिशोर बेदिया, कुणाल उरांव, प्रतीत कच्छप, संजीत कुजूर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सोमवार को कार्यक्रम का संचालन संगीता तिग्गा, निरन उरांव, प्रतिमा तिग्गा, श्वेता उरांव, स्नेहा उरांव, रौनक उरांव, अरुण उरांव, दीपिका खलखो व वर्षा उरांव ने किया.
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