रांची.झारखंड की शिल्प कला, हस्तशिल्प, खादी, सिल्क व लघु उद्योगों के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए इ-कॉमर्स कंपनियां अपना प्लेटफॉर्म उपलब्ध करायेंगी. उत्पादों की डिजाइनिंग से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक के अनुरूप बनाने में भी सहयोग करेगी. झारखंड के एमएसएमइ (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) उत्पादों को वैश्विक स्तर पर डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराने की पहल करते हुए बुधवार को झारखंड औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा कोर्टयार्ड मैरियेट होटल में आयोजित कार्यशाला में देश की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. मौके पर जिडको के एमडी वरुण रंजन ने कहा कि एमएसएमइ को देश की इकोनॉमी का रीढ़ माना जाता है. इनके व्यापार को इ-कॉमर्स के प्लेटफॉर्मों के माध्यम से पहुंच बढ़ाने और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण कौशल बढ़ायें जाने की जरूरत है. अभी देश में इ-कॉमर्स का बाजार 60 बिलियन डॉलर का है, जो वर्ष 2030 में बढ़कर 200 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. इस अवसर को पहचान कर झारखंड के उद्योगों को भी आगे ले जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स के अंतर्गत एमएसएमइ के लिए ऑनबोर्डिंग एवं लिस्टिंग को आसान बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड में कई बेहतरीन उत्पाद हैं पर ये लोकल ही बनकर रह जाते हैं. इन्हें ग्लोबल बनाये जाने की जरूरत है.
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