झारखंड में ईडी अधिकारियों को मिली ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा

होटवार जेल से ईडी अधिकारियों को निशाना बनाने और विभिन्न मामलों में सबूत नष्ट करने की ‘‘साजिश’’ रचने के मामले के बाद झारखंड में ईडी के अधिकारी को ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा मिली है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की वीआइपी सुरक्षा शाखा को झा को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

By Jaya Bharti | November 15, 2023 3:32 PM
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Jharkhand News: झारखंड में बहुचर्चित धनशोधन मामलों (मनी लाउंड्रिंग) की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के सहायक निदेशक देवव्रत झा को केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को सशस्त्र सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है. सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संभावित खतरेवाले लोगों के बारे में तैयार रिपोर्ट में इडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा को बाहुबलियों और माफियाओं से खतरे की आशंका का जिक्र किये जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें ‘एक्स’ श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की है. देवव्रत झा रांची में कई धनशोधन मामलों के जांच अधिकारी भी हैं. इनमें कथित भूमि घोटाला, शराब घोटाला और मनरेगा एवं अन्य योजनाओं में कथित अनियमितताओं से संबंधित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ दर्ज मामले शामिल हैं.

  • सहायक निदेशक देवव्रत झा कई धनशोधन मामले की जांच कर रहे हैं

  • रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रची जा रही थी साजिश

  • केंद्र सरकार ने बाहुबलियों और माफियाओं से खतरे को देखते हुए सुरक्षा प्रदान की

क्या है पूरा मामला

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की वीआइपी सुरक्षा शाखा को झा को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. सुरक्षा प्रदान करने का फैसला ऐसे वक्त आया है जब जांच एजेंसी ने तीन नवंबर को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में तलाशी ली, जिसके बाद उसे सूचना मिली कि एजेंसी जिन धनशोधन मामलों की जांच कर रही है उनके कुछ आरोपियों और स्थानीय बाहुबलियों द्वारा गवाहों को प्रभावित करने, इडी अधिकारियों को निशाना बनाने और विभिन्न मामलों में सबूत नष्ट करने की ‘‘साजिश’’ रची जा रही है. इन मामलों में इडी द्वारा गिरफ्तार कई आरोपी बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी निर्देश दिया गया है कि जब भी एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी इन मामलों की निगरानी के लिए राज्य का दौरा करें तो उन्हें सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की जाये.

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