रांची के इस शिवालय में पूरी होती है हर मनोकामना, रामायण से जुड़ा है इसका इतिहास, जानते ही नंगे पांव दौड़ पड़ेंगे आप

Marsilli Pahad: राजधानी रांची में एक ऐसा शिवालय है, जहां सच्ची श्रद्धा से मांगी हर मन्नत पूरी होती है. यहां न केवल झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों से भी बाबा के भक्त उनका आशीर्वाद लेने आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर का इतिहास रामायण से जुड़ा है. तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस शिवालय से जुड़े इतिहास और यहां होने वाले चमत्कारों के बारे में.

By Dipali Kumari | July 14, 2025 1:41 PM
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Marsilli Pahad | रांची, राजेश वर्मा: देवों के देव महादेव का अति प्रिय श्रावण माह शुरू होते ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. राजधानी रांची में नामकुम के राजाउलातू स्थित मरासिल्ली बाबा का जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि मरासिल्ली बाबा भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. कोई शादी, नौकरी, तो कोई बच्चे की मन्नत मांगने यहां पहुंचते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं मरासिल्ली पहाड़ से जुड़े इतिहास और यहां होने वाले चमत्कारों के बारे में.

मनोरम वादियों के बीच विराजमान हैं मरासिल्ली बाबा

प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर राजाउलातू पंचायत के उनीडीह गांव में 230 एकड़ के क्षेत्र में एक पहाड़ फैला हुआ है, जहां मनोरम वादियों के बीच मरासिल्ली बाबा विराजमान हैं. यहां सालों भर मन्नतें मांगने और मरासिल्ली बाबा की पूजा करने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. श्रावण माह में तो यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. खासकर सोमवार को जलाभिषेक के लिए रविवार की देर रात से ही शिवभक्त पहाड़ पर जुटने लगते हैं.

भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं बाबा

मुख्य पुजारी सुमेश पाठक ने बताया कि कई वर्षों पहले पास के एक गांव से दंपती बच्चे की आस लेकर यहां आये थे, और बाबा ने उनकी मनोकामना पूरी की. इसके अलावा भी कई ऐसे उदाहरण है. बाबा के जो भी भक्त यहां सच्ची श्रद्धा से पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगते हैं, वो अवश्य पूरी होती है.

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रामायण से जुड़ा है मरासिल्ली पहाड़ का इतिहास

मान्यता है कि रामायण का झारखंड की पावन भूमि से भी लगाव रहा है. गुमला, लोहरदगा, रांची, सिमडेगा एवं देवघर समेत कई जिलों में भगवान श्री राम के चरण पड़े हैं. वहीं मरासिली पहाड़ की बात कहें तो स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां महर्षि वाल्मिकी जी ने आकर तपस्या की थी. कहा जाता है कि यहीं महर्षि वाल्मिकी राम-राम का जप कर रहें थे, लेकिन वहां उपस्थित लोगों को राम-राम के बजे मरा-मरा का उच्चारण सुनाई दे रहा था. यही वजह है कि इस पहाड़ का नाम मरासिल्ली पहाड़ रखा गया.

आप रुपी है शिवलिंग

230 एकड़ के बड़े चट्टान के बीच विराजमान शिवलिंग आप रुपी है. यहां शिवलिंग का निर्माण किसने और कब करवाया कोई नहीं जानता. स्थानीय बुजुर्गों की मानें तो यहां शिवलिंग का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा जी ने किया है.

कोई माप नहीं सका जलकुंड की गहराई

मरासिल्ली पहाड़ पर छोटे-बड़े कुल 9 जलकुंड है, परंतु बड़े व मुख्य जलकुंड के जल से ही बाबा का जलाभिषेक किया जाता है. यहां की एक रहस्यमयी बात है कि जलकुंड का पानी कभी नहीं सूखता. कहा जाता है कि कुंड की गहराई मापने के लिए 7 खटिया की रस्सी डाली गई थी, लेकिन फिर भी इसकी गहरायी मापी नहीं जा सकी. कुंड में दर्जनों सांप भी है जो कई बार श्रद्धालुओं को दर्शन भी देते हैं.

दूसरे राज्यों से भी आते हैं श्रद्धालु

मरासिल्ली बाबा की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. जहां कुछ वर्ष पहले तक स्थानीय लोगों के अलावा कोई मंदिर नहीं पहुंचता था. हाल के दिनों में सोशल मीडिया व अन्य साधनों की बदौलत लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. रांची के अलावा राज्य के अन्य जिलों व दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने यहां पहुंच रहें हैं.

महाशिवरात्रि और सावन में होता है खास आयोजन

शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ पर वर्ष में दो बड़े आयोजन होते हैं. पहला आयोजन महाशिवरात्रि के अवसर पर पांच दिवसीय महारुद्र यज्ञ, पंचमुखी हनुमान वार्षिकोत्सव एवं शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है. वहीं दूसरा आयोजन सावन महीने में होता है. सावन को लेकर पहाड़ के नीचे दर्जनों पूजन सामग्री की दुकानें सज गयी हैं. वहीं ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरिकेडिंग व सजावट भी की गयी है.

ट्रस्ट के सदस्य करते हैं देखभाल

मंदिर व पहाड़ के विकास को लेकर स्थानीय लोगों ने मिलकर शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ ट्रस्ट का निर्माण कराया. ट्रस्ट के सदस्यों के द्वारा मंदिर व पहाड़ के विकास का कार्य किया जाता है. ट्रस्ट के अध्यक्ष दयानंद राय ने बताया कि भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य आने वाले शिवभक्तों के द्वारा दिए गए सहयोग से हो रहा है.

झारखंड पर्यटन के लिए सूचीबद्ध किया गया है मरासिल्ली पहाड़

बताया कि स्थानीय विधायक राजेश कच्छप की अनुशंसा पर इस स्थान को झारखंड पर्यटन के लिए सूचीबद्ध किया गया है. सरकार के स्तर से अब तक कोई विकास कार्य नहीं कराया गया है जिसे लेकर विधायक लगातार आवाज उठाते रहे हैं. वहीं केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री सह सांसद संजय सेठ के मद से एक भव्य तोरणद्वार एवं विवाह स्थल का निर्माण कराया गया है.

मनोरम वादियां करतीं हैं आकर्षित

मरासिल्ली पहाड़ आस्था व पर्यटन के केंद्र के तौर पर प्रचलित हो रहा है. विशाल चट्टान के बीच भव्य मंदिर (निर्माणधीन) में विराजमान शिवलिंग, पास में पंचमुखी हनुमान की 20 फ़ीट ऊंची प्रतिमा और चारों ओर की मनोरम दृश्य आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है. पूजा करने के बाद श्रद्धालु घंटों पर्वत पर बैठे रहते हैं. पहाड़ के पूर्व व उत्तर दिशा में घने जंगल व बादलों की मस्ती हिल स्टेशन का अहसास कराती है. मनमोहक दृश्य व विशाल चट्टान की वजह से आए दिन कलाकार यहां शूटिंग के लिए भी पहुंचते हैं.

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