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झारखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनुभा रावत की पीठ ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करने के बाद पूर्व सांसद सोम मरांडी तथा विवेकानंद तिवारी, अमित तिवारी, हिसाबी राय, संचय वर्धन और अनुग्रह प्रसाद साह को रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में जमानत देने का निर्देश दिया.
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इन सभी के खिलाफ यह मुकदमा साहिबगंज में दर्ज किया गया था. रेलवे मजिस्ट्रेट की अदालत ने इन्हें दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनायी थी. इस सजा के खिलाफ सभी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की थी. वहां उनकी अपील खारिज कर दी गयी इसके बाद मामले की फरवरी में उच्च न्यायालय में अपील की.
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अपील लंबित रहने के दौरान सभी ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए जमानत प्रदान करने का आग्रह किया था. सभी फरवरी से न्यायिक हिरासत में थे.
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इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनुभा रावत की पीठ ने दोषियों को आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करने और कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया. पीठ ने सभी दोषियों को पीएम केयर्स कोष में 35-35 हजार रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया.