रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी की सड़कों व संपर्क पथों की जर्जर स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने नागरमल मोदी सेवा सदन के पास सड़क व बिजलीघर में बरसात के पानी के जमाव को गंभीरता से लिया. खंडपीठ ने इस पर राज्य सरकार, झारखंड विद्युत वितरण निगम एवं रांची नगर निगम को अविलंब कार्रवाई करते हुए जलजमाव को नहीं होने देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी. इससे पहले प्रार्थी अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पक्ष रखा. उनकी ओर से बताया गया कि बारिश होने पर सेवा सदन की सड़क तथा पास में बिजलीघर परिसर में चार-पांच फीट पानी जमा हो जाता है. बिजलीघर का पानी सेवा सदन की सड़क पर भी बहता रहता है. इससे करंट का प्रवाह कभी भी पानी में हो सकता है, जो बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है. वहीं रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता शुभम कटारुका ने जनहित याचिका दायर कर राजधानी रांची की जर्जर सड़कों व संपर्क पथों को दुरुस्त करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सड़कों की खराब स्थिति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. बड़ा तालाब के पास सेवा सदन जानेवाली सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है. सड़कों में गड्ढे हैं. इससे दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है.
संबंधित खबर
और खबरें