क्या है मामला
दरअसल बुधवार रात से ही भाजपा के विधायक नौकरी, बेरोजगारी भत्ता पर सरकार के जवाब को लेकर विधानसभा परिसर में ही रूक गये. इसके बाद गुरुवार सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो गिरिडीह से विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कई विधायकों का नाम लेकर स्पीकर से कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद स्पीकर ने विपक्ष के कई नेताओं का नाम लेकर उनका आचरण सदन के अनुरूप नहीं बताते हुए निलंबित कर दिया.
अमर बाउरी बोले- लोकतंत्र की हुई हत्या
18 विधायकों के निलंबन होने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या दिन दहाड़े स्पीकर ने कर दी है. बिना किसी दोष के स्पीकर ने जो रवैया अपनाया है, उससे ये पता चलता है कि सरकार निरंकुश हो चुकी है. सुदिव्य कुमार सोनू के कहने पर इस तरह से हमे सस्पेंड कर दिया गया है. आज पूरे भारत के इतिहास में पहली बार 18 विधायकों को सस्पेंड किया गया है. जिन चुनावी वादों पर सरकार सत्ता में आई थी, आज उसका कोई हिसाब किताब नहीं है. स्पीकर ने जो हमारे अधिकार को छीना है. कांग्रेस ने पहले इमरजेंसी लगाई थी, आज कांग्रेस जेएमएम ने मिलकर अघोषित इमरजेंसी लागू की है. मीडियाकर्मियों के जाने पर भी रोक लगा दी.
विधानसभा चुनाव में जनता उखाड़ फेंकेगी इस सरकार को
अमर बाउरी ने कहा कि स्पीकर महोदय जो आचरण की बात कर रहे हैं, उनके पहले का वीडियो आप देख लीजिए. किस तरह से वह व्यवहार करते थे. हमने ऐसा कुछ भी व्यवहार नहीं किया है, फिर भी हमें सस्पेंड कर दिया गया है. जनता सरकार के इस रवैये को देख रही है. विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें उखाड़ कर फेंकेगी. स्पीकर हाथ उठा कर चैलेंज कर रहे हैं. उन्हें देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि वह विधानसभा के स्पीकर हैं. किसी भी स्पीकर ने आज तक ऐसा व्यवहार नहीं किया है.
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