पेयजल घोटाला मामले में सरकारी कर्मियों की संलिप्तता भी आयी है सामने
पेयजल घोटाला मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की हेराफेरी उजागर होने के साथ ही सरकारी कर्मियों की संलिप्तता सामने आयी है. इसे देखते हुए रांची के डीआइजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने एसीबी जांच की अनुशंसा की थी. एसीबी ने जांच के लिए विभाग से कई दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व में रोकड़पाल संतोष के खिलाफ सदर थाना में केस दर्ज किया गया था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है.
Also Read: रिम्स निदेशक के पद से हटने के बाद डॉ राजकुमार ने स्वास्थ्य मंत्री पर ये क्या कह दिया, सियासत हुई गर्म
अपने अकाउंट में रख ली थी संतोष ने अपने भुगतान की राशि
जांच में खुलासा हुआ कि विभाग द्वारा कंपनी को किये जाने वाले भुगतान की राशि संतोष ने अपने अकाउंट में रख ली थी. विभागीय स्पष्टीकरण के दौरान संतोष ने बताया कि इस धनराशि से कार्यपालक अभियंता सहित वरिष्ठ अधिकारियों को महंगे उपहार दिये गये थे. इनमें जेवरात, लैपटॉप और मैकबुक शामिल थे. वित्त विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि एलएंडटी के नाम पर पांच फर्जी एकाउंट खोले गये थे. साथ ही पैसे के भुगतान के नाम पर मृतक कर्मी के नाम पर पेआईडी खोला गया था.
पेयजल घोटाला मामले में चार ट्रेजरी अफसर को किया जा चुका है निलंबित
लगभग 59 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के लिए दूसरा फंड कोषागार में ट्रांसफर किया गया था. वित्त विभाग की जांच के दौरान इस पूरे प्रकरण में ट्रेजरी की भी भूमिका सामने आयी है. अब तक इस मामले में चार ट्रेजरी अफसर को निलंबित किया जा चुका है.
Also Read: JEE Main Jharkhand Topper 2025: जेईई मेन का रिजल्ट जारी, जमशेदपुर के आर्यन टॉपर्स लिस्ट में