खुशखबरी: झारखंड से विदेशी बाजारों में पहुंचेगा करंज का बीज, इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ एमओयू पर सहमती

Jharkhand News : बड़ी विदेशी कंपनी अब झारखंड से करंज (पोंगामिया) के बीज खरीदेंगे. इसके लिए झारखंड सरकार की संस्था सिदो-कान्हू एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट प्रोड्यूस को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (सिद्धकोफेड) और अंतरराष्ट्रीय कंपनी टर्विवा के बीच एमओयू होगा.

By Dipali Kumari | May 15, 2025 11:45 AM
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Jharkhand News : बड़ी विदेशी कंपनी अब झारखंड से करंज (पोंगामिया) के बीज खरीदेंगे. इसके लिए झारखंड सरकार की संस्था सिदो-कान्हू एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट प्रोड्यूस को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (सिद्धकोफेड) और अंतरराष्ट्रीय कंपनी टर्विवा के बीच एमओयू होगा. राज्य के किसानों और टर्विवा के बीच सिद्धकोफेड समन्वय का काम करेगी. फेडरेशन ने एमओयू का प्रारूप तैयार किया है, जिस पर फेडरेशन की उपाध्यक्ष सह कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सहमति जता दी है. वहीं, विभाग भी एमओयू के प्रारूप पर मंथन कर रहा है.

क्या है टर्विवा कंपनी ?

टर्विवा की टीम ने झारखंड में करंज के बाजार का आकलन आकर चुकी है. टर्विवा कंपनी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में काम करती है. इसके अलावा भारत के पुणे में भी टर्विवा का प्रोसेसिंग प्लांट है. यहां से प्रोसेस कर उत्पाद विदेशों में भेजा जाता है. कंपनी करंज के बीज से सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) बनाती है. इससे खाद्य तेल भी बनाया जाता है. कंपनी इसके लिए दूसरी कंपनियों से समझौता किया है. इसके अनुसार सालाना 5,00,000 किलोलीटर एसएएफ की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. जानकारी के अनुसार कंपनी वित्तीय वर्ष 2028 में अपने टोकुयामा कॉम्प्लेक्स में सालाना 2,50,000 किलोलीटर एसएफ उत्पादन करने की योजना बना रही है.

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झारखंड में करंज बीज 45-50 रुपये किलो

झारखंड में पहले चरण में करीब 1 लाख टन करंज के बीज संग्रहण की योजना है. इसके लिए सिद्धकोफेड ने सभी जिलों में संग्राहकों के साथ बैठक की है. संस्था का मानना है कि जून से इसका संग्रहण कर कंपनी को आपूर्ति हो पायेगा. अभी झारखंड में करंज बीज 45-50 रुपये किलो के आसपास है. अभी इसका संग्रहण कर स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. कोई व्यवस्थित सिस्टम नहीं है. सिद्धकोफेड के सचिव राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि संस्था का एक प्रयास है. टर्विवा से कई दौर की बात हुई है. इसके बाद एमओयू करने पर सहमति बनी है. झारखंड के वनों में कई तरह के उत्पाद हैं, जिनका बाजार है. इसको व्यवस्थित करने की दिशा में एक प्रयास है.

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