PHOTOS: ट्रैक पर उतरे सैकड़ों कुड़मी आंदोलकारी, कहीं लाठीचार्ज तो कहीं पथराव, देखें दिनभर की तस्वीरें

झारखंड में कुड़मी आंदोलन का व्यापक असर दिख रहा है. राज्य भर में जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद भी पुलिस आंदोलनकारियों को रोकने में विफल रही. सैकड़ों कुड़मी आंदोलकारी ट्रैक पर उतर गए. कहीं लाठीचार्ज हुआ तो कहीं पथराव भी देखने को मिला. आइए तस्वीरों में देखते हैं झारखंड में दिनभर कैसा माहौल रहा?

By Jaya Bharti | September 20, 2023 5:06 PM
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कुड़मी संगठनों ने आज से रेल टेका, डहर छेंका (रेल रोको-रास्ता रोको) आंदोलन शुरू किया. कुड़मियों के इस आंदोलन का असर झारखंड में व्यापक रूप से दिख रहा है.

एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड में कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन आज, 20 सितंबर की सुबह से ही जारी है.

इधर झारखंड पुलिस आंदोलन को लेकर काफी अलर्ट है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि आंदोलनकारी स्टेशन के भीतर ना जा सके.

इसी बीच सरायकेला-खरसावां जिला में कुड़मी आंदोलनकारी नीमडीह स्टेशन के अंदर जाने की जिद पर अड़ गए. कुड़मियों ने पथराव भी किया गया. जिसके बाद पुलिस ने आंदोलकारी कुड़मियों पर लाठी चार्ज कर दिया.

इधर कुड़मी राज्यभर के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलन कर रहे हैं. कहीं-कहीं कुड़मी संगठन पारंपरिक हथियार लेकर निकले हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

धनबाद के गोमो स्टेशन में कुड़मी आंदोलनकारी ट्रैक पर ढोल मांदर समेत वाद्य यंत्र ले कर पहुंच गए.

राज्य भर में जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद भी पुलिस आंदोलनकारियों को रोकने में विफल रही.

धनबाद के गोमो, पश्चिमी सिंहभूम के घाघरा समेत अन्य कई जगहों पर कुड़मी आंदोलनकारी पुलिस उलझ गए.

पुलिस से बगझग कर आंदोलकारी जबरन रेलवे स्टेशन के अंदर आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे.

इस बीच यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी.

चांडिल के नीमडीह स्टेशन में लाठीचार्च के बाद वहां धारा 144 लागू कर दिया गया है. इधर, कुड़मियों के आंदोलन का रौद्र रूप देख धनबाद के गोमो, रांची के मूरी सिल्ली, पश्चिमी सिंहभूम के घाघरा में भी धारा 144 लगा दी गई.

बता दें कि कुड़मियों के रेल रोको आंदोलन को लेकर राज्य के विभिन्न स्टेशनों के आस-पास का इलाका पुलिस छावनी तब्दील कर दिया गया है.

रेलवे स्टेशनों के आसपास सुरक्षा बल विशेष रूप से मौजूद रहे.

इसके बावजूद कुड़मी आंदोलनकारियों का रोका नहीं जा सके.

इस आंदोलन में महिलाओं ने भी भागीदारी निभाई है. वे बच्चों के साथ रेलवे ट्रैक पर बैठ गईं.

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