राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर हेमंत सरकार कई कड़े कदम उठाये हैं. वहीं, धीरे-धीरे कई चीजों पर छूट भी दे रखी है. लेकिन, घर से बाहर निकलने के दौरान मास्क लगाना राज्य में अनिवार्य है. वहीं, सोशल डिस्टैंसिंग पर भी काफी जोर दिया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन कोरोना को मात देकर वापस घर जाने वाले लोगों की संख्या में भी हर दिन इजाफा हो रहा है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार (2 जुलाई, 2020) को कोरोना रिकवरी रेट करीब 77 प्रतिशत पहुंचने पर संतोष प्रकट किया था. साथ ही कहा था कि भले ही राज्य में रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन लोगों को अभी भी भीड़-भाड़ से दूर रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ है. यही कारण है कि राज्य सरकार को कई कड़े कदम उठाने पड़े हैं.
झारखंड में कोरोना रिकवरी रेट देश से बेहतर है. 2 जुलाई, 2020 तक राज्य में कोरोना रिकवरी रेट 76.90 प्रतिशत यानी 77 प्रतिशत के करीब पहुंच चुका है, जो देश के टॉप 15 राज्यों में 10वें स्थान पर पहुंच गया है. इस संबंध में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर इसके लिए राज्य के सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और लोगों के सहयोग का परिणाम बताया. साथ ही आशा जतायी कि राज्य कोरोना के इस विपदा से लड़कर जल्द मुक्त होगा. झारखंड में कोरोना रिकवरी रेट से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
10वें स्थान पर झारखंड
कोरोना रिकवरी रेट की स्थिति देखें, तो चंडीगढ़ पहला स्थान पर है. चंडीगढ़ में कोरोना रिकवरी रेट 82.3 प्रतिशत है. वहीं, मेघालय का 80.8 प्रतिशत, राजस्थान का 79.6 प्रतिशत, उत्तराखंड का 78.6 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ का 78.3 प्रतिशत, त्रिपुरा का 78.3 प्रतिशत, बिहार का 77.5 प्रतिशत, मिजोरम का 76.9 प्रतिशत, मध्य प्रदेश का 76.9 प्रतिशत, झारखंड का 76.9 प्रतिशत, अोड़िशा का 73.2 प्रतिशत, गुजरात का 72.3 प्रतिशत, हरियाणा का 70.3 प्रतिशत, लद्दाख का 70.1 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश का रिकवरी रेट 69.1 प्रतिशत है.
Posted By : Samir ranjan.