झारखंड की नौ दुर्गा-07: ये डॉक्टर महिलाओं को बना रही सशक्त, तमिलनाडु में मिल चुका है प्रतिष्ठित सम्मान
डिबडीह की रहनेवाली डॉ मनीषा जेवीएम श्यामली की छात्रा रही हैं. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्लीनिक खोली. साथ ही एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया. इसके लिए पति अभिषेक का बखूबी साथ मिला.
By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2023 11:43 AM
रांची : डॉ मनीषा उरांव पेशे से डॉक्टर हैं. 11 वर्षों से चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा दे रही हैं. बड़े अवसर मिलने के बावजूद अपने शहर में ही रहने का निर्णय लिया. जल, जंगल और जमीन से उनका गहरा जुड़ाव है. यही कारण है कि चेन्नई में मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों के बीच काम करती रहीं. इसके लिए परोक्ष नामक एनजीओ का भी गठन किया. पढ़ाई के साथ-साथ समाज के लिए समर्पण, उद्यमिता और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एसआरएम विवि तमिलनाडु महिला अचीवर अवार्ड-2023 से भी सम्मानित कर चुका है.
ट्राइबल फूड के लिए भी कर रही है काम
डिबडीह की रहनेवाली डॉ मनीषा जेवीएम श्यामली की छात्रा रही हैं. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्लीनिक खोली. साथ ही एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया. इसके लिए पति अभिषेक का बखूबी साथ मिला. आज खूंटी में खेती से भी जुड़ गयी हैं. ग्रामीणों की मदद से सब्जियां उगा रही हैं. इसका उद्देश्य लोगों कृषि की पुरानी पद्धति को समझाना है. साथ ही डॉ मनीषा झारखंडी खान-पान को विदेशों तक पहुंचाने के उद्देश्य के साथ ट्राइबल फूड के लिए काम कर रही हैं.
इसके लिए इन्होंने जरूरतमंद महिलाओं को कृषि से जोड़ा और प्रशिक्षण दिया. वर्तमान में गांव की 80 से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. डॉ मनीषा कहती हैं : महिलाओं में असीम शक्ति होती है. यदि परिवार साथ दे, तो महिलाएं मुकाम जरूर हासिल करती हैं. अपनी शक्ति से हर कुछ पा सकती हैं.