रांची (प्रमुख संवाददाता). केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि बच्चों से जुड़ा विषय सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह हमारा सामाजिक दायित्व व जिम्मेवारी भी है. बच्चों को सुरक्षित रखना एवं उन्हें उज्जवल भविष्य देने के लिए बच्चों से संबंधित सुदृढ़ कानून की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी रविवार को न्यायिक अकादमी रांची में किशोर न्याय अधिनियम और इससे संबंधित कानूनों पर एक दिवसीय विशेष परामर्श बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं.
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि गरीबी, अशिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, उपेक्षा, गलत संगति, कोई हीनता बोध और कभी-कभी केवल अकेलापन भी बच्चों को अपराध की राह पर धकेल देता है, जहां उनका बचपन छिन जाता है. कुछ तो सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता या सफलता पाने के चक्कर में नेगेटिव रेंज में उलझ कर रह जाते है. ऐसी स्थिति में जेजे एक्ट की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. जेजे एक्ट की सबसे बड़ी खूबी यह है, यह अपराध के लिए दंड की बात नहीं करता है, बल्कि उनके पुनर्वास की बात करता है. यह बच्चों को जीने का एक और अवसर देता है. भूल को सुधारने व स्वीकारने का मौका देता है.
पूर्ण सुरक्षित व गरिमामय बचपन हर बच्चे का अधिकार
झारखंड में खुलेगा निपसिड का कार्यालय, स्टेक होल्डर्स को मिलेगा प्रशिक्षण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि अगले माह तक राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (निपसिड) का कार्यालय झारखंड में स्थापित किया जायेगा, ताकि स्टेक होल्डर्स को प्रशिक्षण मिल सके. झारखंड सरकार ने इसके लिए अस्थायी भवन उपलब्ध कर दिया है. झारखंड हाइकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी ने जेजे एक्ट के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बच्चे बीज की तरह होते हैं, उन्हें वृक्ष बनने में सहयोग करें. भारत की प्राचीन सभ्यता दुनिया में सबसे अच्छी है. यही धरोहर विश्व में प्रेरणा के स्रोत बनेंगे. न्यायिक अकादमी के निदेशक राजेश शरण धन्यवाद ज्ञापन व निपसिड की संघमित्रा स्वागत भाषण दिया. बैठक में बाल न्यायालयों के न्यायाधीश, प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्य, विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारी सहित महत्वपूर्ण हितधारक मौजूद थे.
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