पांच अधिकारियों नेतृत्व में हुई थी जांच
बता दें कि सीजीएल पेपर लीक मामले पर रातू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद सीआईडी ने यह केस टेक ओवर कर लिया. तत्कालीन सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने इस पूरे मामले की जांच के लिए सीआईडी की अधिकारी संध्या रानी मेहता के नेतृत्व में जांच टींम का गठन किया. इस टीम में सीआईडी एसपी निधि द्विवेदी, रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल, डीएसपी अमर कुमार पांडेय और डीएसपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता भी शामिल हैं.
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अभ्यर्थियों ने सीबीआई जांच की उठायी थी मांग
जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा 21 और 22 सितंबर को आयोजित हुई थी. इस दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा ठप कर दिया. अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर लीक की घटना परीक्षा से पहले हुई थी लेकिन इंटरनेट बंद रहने की वजह यह सामने नहीं आ सका. परीक्षा रद्द करने को लेकर अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया था. उनके आक्रोश को देखते हुए राज्यपाल ने आयोग को जांच का आदेश दिया. लेकिन उनके जांच रिपोर्ट से अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं थे. बाद में मुख्यमंत्री ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी जांच का निर्देश दिया. फिलहाल इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में चल रही है.
इनपुट : लिजा बाखला
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