स्थानीयता के मामले में उदासीन सरकार
देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि खतियान आधारित स्थानीय व नियोजन नीति के मांग का लेकर यह पदयात्रा निकाली गयी. राज्य में बिना स्थानीय नीति के नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है. यह बेईमानी है. स्थानीयता विधेयक को बार-बार लटकाया, भटकाया और अटकाया जा रहा है. सरकार स्थानीयता के मामले में उदासीन है.
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दुमका से निकाली गयी पदयात्रा
बताया गया कि पदयात्रा में अमित मंडल, विजय सिंह, अयूब अली, दमयंती मुंडा, संजय महतो, आलोक उरांव, फुलेश्वर बैठा, निशा भगत सहित काफी संख्या में जेएलकेएम कार्यकर्ता उपस्थित थे. इस पदयात्रा का शुभारंभ 15 मई को उपराजधानी दुमका से किया गया था. तय रूट के अनुसार पदयात्रा 21 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए 570 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंची. गुरुवार को इसका शुभारंभ बूटी मोड़ से गाजे-बाजे के साथ हुआ.
वाहनों की लगी कतार
इस दौरान झारखंडियों की एक ही पहचान-1932 का खतियान का नारा दिया गया. बूटी मोड़ से पदयात्रा निकाले जाने के कारण जगह-जगह जाम लग गया. वाहन रेंगते दिखे. एक घंटे तक कई जगह सड़कों की यही स्थिति बनी रही. पदयात्रा जब राजभवन पहुंची, तो सड़क को जाम से मुक्ति मिली.
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