झारखंड में शुरू होगा माइनिंग टूरिज्म, आम लोग भी देख सकेंगे कोयला खदान

राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि झारखंड माइनिंग स्टेट है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा वाले भी अब देख सकेंगे कि जिस कोयले की बदौलत उनके घर रौशन हो रहे हैं.

By PRAVEEN | July 22, 2025 12:16 AM
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रांची. राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि झारखंड माइनिंग स्टेट है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा वाले भी अब देख सकेंगे कि जिस कोयले की बदौलत उनके घर रौशन हो रहे हैं. वह झारखंड अपने सीने को चीर कर दे रहा है. माइनिंग टूरिज्म से अब आम लोग भी कोयला खदान देख सकेंगे, वहां होनेवाले काम को नजदीक से जान सकेंगे. इस कार्य के लिए जेटीडीसी को सीसीएल का सहयोग मिला है. शीघ्र ही बीसीसीएल, सेल व बोकारो के साथ भी मिल कर इस कार्य को आगे बढ़ाया जायेगा. हमने अपनी कमजोरियों को मजबूती में बदलने का कार्य शुरू किया है. पर्यटन मंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में माइनिंग टूरिज्म के लिए जेटीडीसी तथा सीसीएल के बीच हुए पांच वर्ष के लिए एमओयू कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस एमओयू पर सीसीएल के डायरेक्टर टेक्निकल सीएस तिवारी तथा जेटीडीसी की ओर से एमडी प्रियरंजन ने हस्ताक्षर किये. मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में तीन सर्किट के रूप में इको माइनिंग टूरिज्म आरंभ होंगे. इनमें रांची-कायाकल्प वाटिका-उरी-तिरू फॉल-रांची, दूसरा रांची-नॉर्थ उरीमारी-पतरातू वाटर फॉल-रांची तथा तीसरा रिलेजश माइंस टूरिस्ट सर्किट के तहत रांची-सिकिदरी घाटी-रजरप्पा-भुरकुंडा-पतरातू घाटी-रांची होगा. मंत्री ने कहा कि इस माइनिंग टूरिज्म से न तो जेटीडीसी को आर्थिक फायदा होगा और न ही सीसीएल को, झारखंड सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठा रही है. इस माइनिंग टूरिज्म के बदौलत लोगों को आकर्षित करेंगे व देश में अग्रणी राज्य होगा. सीसीएल के सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि सीसीएल के बारे में सिर्फ अधिकृत लोग ही जान पाते थे, अब इस एमओयू से आम लोग भी निर्धारित मानकों के साथ इसे नजदीक से जान सकेंगे. लोग देख सकेंगे कि कैसे यहां 365 दिन सातों दिन 24 घंटे काम होता है. पर्यटन निदेशक विजया एन जाधव ने कहा कि यह माइनिंग टूरिज्म एडिकेटिव भी होगा. इससे जुड़े विद्यार्थियों सहित इंजीनियरिंग, भूगर्भशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद होगा. लोग ओपन कास्ट माइनिंग से भलीभांति परिचित हो सकेंगे. जेटीडीसी के एमडी प्रियरंजन ने कहा कि भारत के कुल खनिज उत्पादन में झारखंड का 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान है. यहां 79714 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि खनन क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि यदि रजरप्पा मंदिर की यात्रा के साथ खनन पर्यटन का अनुभव करना चाहते हैं, तो प्रति व्यक्ति 2800 रुपये प्लस जीएसटी खर्च करने होंगे. इसी प्रकार पतरातू घाटियों के नजारों को देखते हुए खनन पर्यटन का अनुभव करना है, तो प्रति व्यक्ति 2500 रुपये प्लस जीएसटी खर्च करने होंगे. जेटीसी इसकी बुकिंग करेगा. प्रति व्यक्ति चाय व जलपान के लिए 200 रुपये जेटीडीसी व सीसीएल खर्च करेगा. संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्रोजेक्ट मैनेजर श्रेया ने किया. इस अवसर पर पर्यटन विभाग के संयुक्त सचिव मोइनुद्दीन खान, उप निदेशक राजीव कुमार सिंह, सीसीएल के डायरेक्टर पर्सनल हर्षनाथ मिश्रा आदि उपस्थित थे.

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