रांची (वरीय संवाददाता). जल संसाधन विभाग पहले सिंचाई व्यवस्था बढ़ाने के लिए पांच एकड़ तक के ही तालाब पर काम कराता था. विभाग ने तय किया है कि अब 2.5 एकड़ तक के तालाब पर भी काम कराया जायेगा. छोटी-छोटी योजनाएं राज्य सरकार की प्राथमिकता होंगी. लंबित बड़ी योजनाओं को भी पूरा कराया जायेगा. राज्य के जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने यह जानकारी बुधवार को सदन में कटौती मांग पर चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए दी. सरकार के जवाब के बाद जल संसाधन विभाग का 19 अरब 11 करोड़ 71 लाख छह हजार रुपये का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया.
रघुवर दास के पीछे-पीछे बाबूलाल जी भी पहुंच जा रहे हैं
मंत्री ने कहा कि केवल हिंदु-मुसलमान करने से नहीं चलेगा. गिरिडीह में घटना के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया था. रघुवर दास देवघर जा रहे थे. जब उनको पता चला तो गाड़ी उधर घुमा दिये. इसके बाद मामला बिगड़ गया. जब बाबूलाल को पता चला तो कि रघुवर जा चुके हैं, तो पीछे-पीछे वह भी पहुंच गये. इसमें चाचा पीछे छूट जा रहे हैं. असल में विपक्ष को राजनीति केवल इसी का करना है.
कोई नयी योजना नहीं, दशकों से चल रही योजना अधूरी
सरकार पर लोड के कारण बजट में कटौती
कटौती प्रस्ताव का विरोध करते हुए सुखराम उरांव ने कहा कि हाल के दिनों में सरकार ने कई नयी योजना लायी है. इसमें बिजली बिल माफी और मंईयां योजना शामिल हैं. इनके लिए पैसे के जरूरत है. इस कारण सरकार ने कई विभागों का बजट काटा है. नरेगा में आज भी बिचौलिया हावी है, इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. सिस्टम में लगे जंग को हटाना होगा. वर्तमान सरकार अपने अच्छे काम के कारण ही सत्ता में आयी है. राजेश कच्छप ने कहा कि जलस्रोतों को समाप्त किया जा रहा है. स्वर्णरेखा नदी पर कब्जा हो रहा है. इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए. यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है. पानी बचाने की चिंता सबको होनी चाहिए. संजय सिंह यादव ने कहा कि कई योजनाएं बिहार के समय ही चल रही हैं. उनको जल्द पूरा किया जाना चाहिए. मंडल डैम शुरू कर देने से पलामू के आसपास के कई जिलों के लोगों को फायदा होगा. चर्चा में मंगल कालिंदी व नमन विक्सल कोनगाड़ी ने भी हिस्सा लिया.
योजनाएं किताबों में सशक्त, धरातल पर भी उतरें
अजय बराज के डीपीआर पर विचार करें : स्पीकर
चर्चा के दौरान उदय शंकर सिंह ने अजय बराज योजना के डीपीआर में हो रहे बदलाव का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि डीपीआर बदलाव से कई गांव को पानी नहीं मिल पायेगा. स्पीकर ने भी कहा कि पहले के डीपीआर में बदलाव किया जा रहा है. यह मेरे विधानसभा क्षेत्र को प्रभावित करता है. एक विधायक के रूप में मेरी भी चिंता है. सरकार को इसके डीपीआर पर विचार करना चाहिए.
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