जेपीसी में लोकसभा के 21 सदस्य
जेपीसी में लोकसभा के 21 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा के कुल 10 सदस्य हैं. ये कमेटी अगले संसदीय सत्र पहले अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. दरअसल ये कमेटी लोगों के मन में उठ रही आशंकाओं को दूर करने और चुनावी सुधार पर आम सहमति बनाने की दिशा में बड़ी भूमिका निभायेगी. सरकार का वन नेश वन इलेक्शन को लागू करने का पीछे का तर्क ये है कि एक साथ चुनाव कराने से शासन सुचारू से चलेगा और लागत कम होगी. दूसरी तरफ विपक्षी दलों का कहना है कि इस विधेयक के पारित होने से संघीय ढांचे पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
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वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पारित होना चुनौती
वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक को दोनों सदनों से पारित कराना बड़ी चुनौती है. इसकी वजह है कि सरकार को इसे पास कराने के लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत हासिल करना होगा. लोकसभा में तो सरकार के पास बहुमत है. लेकिन राज्यसभा में सरकार को इसे पारित करने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना होगा. क्योंकि सत्ताधारी गठबंधन के पास इसके लिए पर्याप्त आंकड़ा नहीं है. हालांकि बीजेपी दूसरों दलों को ये समझाने में लगी हुई है कि बार बार चुनाव होने से विकास कार्य प्रभावित होता है.
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