जनता ने अब मन बना लिया है, वह भाजपा से ऊब चुकी हैं : प्रियंका गांधी

कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता और पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी बुधवार को रांची में थीं. उन्होंने पार्टी प्रत्याशी यशस्विनी सहाय के समर्थन में जनसभा की. प्रियंका एक खास तरह की रणनीति, प्रबंधन और अपने अभियान से चुनावी मोर्चे का नेतृत्व कर रही हैं. प्रियंका अपने भाषणों में सहज हैं और लोगों से जुड़ने की कोशिश करती हैं. राहुल गांधी के मुद्दे और एजेंडे लोगों को बता रही हैं. मोदी सरकार पर जोरदार हमला कर रहीं हैं. ‘प्रभात खबर’ के वरीय संवाददाता बिपिन सिंह ने रांची में उनसे बातचीत की.

By Prabhat Khabar News Desk | May 22, 2024 7:01 PM
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सवाल : भाजपा 400 पार का नैरेटिव चला रही है. इस पर क्या कहेंगी?

सवाल : इंडिया गठबंधन के सामने क्या चुनौती हैं? किस तरह की प्रदर्शन की उम्मीद है?

सवाल : आप लगातार पूरे देश का दौरा कर रही हैं. चुनाव में कौन से मुद्दे हावी हैं?

जवाब : सबसे बड़े मुद्दे इस देश में बेरोजगारी और महंगाई हैं. यह सारे मुद्दे जो मीडिया उठाती रहती है, मोदी जी बात करते रहते हैं, कभी मंगलसूत्र, कभी भैंस, कभी कुछ और, अब यह सब बात बिल्कुल जनता के मन में नहीं है. जनता के मन में है बेरोजगारी और महंगाई. यह सबसे बड़े मुद्दे हैं.

सवाल : इंडिया गठबंधन, खास कर कांग्रेस बेरोजगारी और महंगाई को लगातार मुद्दा बनाने का कोशिश कर रही है. भाजपा इसको लगातार खारिज कर रही है. चुनाव में इसका कोई असर है?

जवाब : कोशिश नहीं है, यही जनता के असली मुद्दे हैं. उनके नेता, जनता से कट चुके हैं. ये सभी बड़े-बड़े मंचों, बड़े-बड़े सेटों, बड़े-बड़े महलों में जाते हैं. अगर वे जनता के बीच जायें, किसी के घर में उनसे पूछें, तो इनको पता चलेगा कि यही सबसे बड़े मुद्दे हैं. ये चुनाव का पूरा अभियान चला रहे हैं, जबकि इन्हें जनता के मुख्य मुद्दों की जानकारी नही है. ये कह रहे हैं कि कोई पार्टी मंगलसूत्र चुरायेगी, कभी कोई पार्टी भैंस चुरा लेगी और इन्हें लगता है कि जनता इन्हें सुन रही है? जनता तो सुन कर चौंक रही है कि प्रधानमंत्री और इनके नेता ये कैसी बातें कर रहे हैं. हमें तो रोजगार चाहिए, हमें तो मंहगाई से निजात चाहिए.

सवाल : वर्तमान चुनाव में कांग्रेस अपने आप को कहां खड़ा देखती है?

जवाब : हम बहुत बेहतर करने जा रहे हैं. इंडिया गठबंधन के लिए अच्छे नतीजे होंगे, क्योंकि जनता ने मन बना लिया है. जनता ऊब चुकी है, जनता को अब चाहिए असली गहरी विकास की राजनीति.

सवाल : भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और आपके सहयोगियों पर आक्रामक है. प्रधानमंत्री लगातार कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार करनेवाले जेल में रहेंगे. आप क्या कहेंगीं?

जवाब : देखिए, सबसे बड़ा ऐतिहासिक भ्रष्टाचार तो संगठित तौर पर प्रधानमंत्री जी ने किया है. पहला भ्रष्टाचार : देश की सारी संपत्ति कुछ गिने-चुने खरबपतियों को उन्होंने पकड़ा दी है. यह एक सुनियोजित भ्रष्टाचार है. देश की संपत्ति, एयरपोर्ट, बंदरगाह, खदान सब कुछ किसी एक को पकड़ा दिया है. दूसरा भ्रष्टाचार, इन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम निकाली. जो भी चंदा ले रहा था, वह गुप्त रहे. मैं अपने भाषणों में बार-बार कहती हूं कि इन्होंने चंदा नहीं लिया, बल्कि एक तरह से वसूली की है. जिस पर छापे लग रहे थे, उनसे चंदा लिया. जिन पर केस लगाया, उन्हीं से चंदा लिया. वैक्सीन लगाने वाले से 52 करोड़ रुपये लिये. इससे बड़ा संगठित भ्रष्टाचार और कोई नहीं. इस देश के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने ऐसी स्कीम बनायी है क्या… कि जिनसे चंदा लिया जा रहा है, उनके नाम उजागर नहीं होने चाहिए. यह तो न्यायपालिका ने कुछ बोला है, इसलिए सूची सार्वजनिक की गयी. ये क्या बोलेंगे? भ्रष्टाचार के मामले में उनकी पार्टी तो 10 साल में दुनिया की सबसे अमीर पार्टी बन गयी? यह तो लिखित फैक्ट है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैसे बनी?

सवाल : विपक्ष कहता है कि केंद्र सरकार इडी और सीबीआइ का दुरुपयोग कर रही है. वहीं, भाजपा कहती है कि पैसे पकड़े जा रहे हैं. झारखंड-छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हुई कार्रवाई पर आप क्या कहेंगी?

जवाब : मैं पूछना चाहती हूं, प्रधानमंत्री जी ने एक भी भाषण में बोला कि अदाणी-अंबानी ने टेंपो भर कर पैसा कांग्रेस पार्टी को भेजा. मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहती हूं कि अगर आपको मालूम है कि टेंपो भर के पैसे कहीं जा रहे हैं, तो आपने उसे पकड़वाया क्यों नहीं? आपने कार्रवाई क्यों नहीं की? कार्रवाई करिये. ये लोग बातें बड़ी-बड़ी करते हैं, असलियत में इनका कुछ नहीं होता. इनके कार्यकाल में 10 साल में जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट, अभिनेता, विपक्ष के नेता, विपक्षी पार्टियां सब पर इतना रेड इडी, सीबीआइ, इनकम टैक्स के कैसे पड़े हैं? आप सूची बनायें. मैंने वह सूची बनायी है. मैंने बहुत स्पष्ट देखा है कि जो इनकी तरफदारी करता है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. ये इडी, सीबीआइ और तमाम एजेंसियों का जोर चलाते हैं. कार्रवाई तो सभी पर होनी चाहिए. आप तो चुन-चुन कर कार्रवाई उन्हीं पर कर रहे हैं, जो आपके खिलाफ बोल रहे हैं. यह तो अपने आप में स्पष्ट है.

सवाल : उत्तर प्रदेश में आप काफी मेहनत कर रही हैं. योगी के राज्य में कांग्रेस के कैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हैं?

सवाल : अमेठी और रायबरेली के चुनाव पर सबकी नजर है. नतीजे कैसे रहेंगे?

सवाल : इस चुनाव में प्रियंका गांधी खुद प्रत्याशी क्यों नहीं बनीं?

जवाब : अगर दोनों भाई-बहन चुनाव लड़ते, तो फिर जो प्रचार हम देश भर में कर पा रहे हैं, वह नहीं कर पाते. हमने तय किया है कि एक सदस्य चुनाव लड़ेगा, दूसरा चुनाव प्रचार करता रहे.

सवाल : झारखंड में आप सरकार में शामिल हैं. सरकार के कामकाज का आकलन कैसे करती हैं?

सवाल : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आपके मंत्री आलमगीर आलम जेल में हैं. इस पूरी कार्रवाई को कैसे देखती हैं?

सवाल : कॉरपोरेट जगत देश के विकास की धुरी होती है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस लगातार इन पर हमला कर रही है?

बिल्कुल नहीं, यह बिल्कुल गलतफहमी है. हम कॉरपोरेट जगत पर कभी हमला नहीं कर रहे हैं. प्राइवेट सेक्टर-पब्लिक सेक्टर को इस देश में कांग्रेस ने खूब आगे बढ़ाया है. हम बिल्कुल उनके खिलाफ नहीं हैं. हम उन पर कोई भी आक्रमण नहीं कर रहे हैं. हम आक्रमण किस चीज पर कर रहे हैं, मोदीजी के कुछ गिने-चुने कुछ खरबपति मित्र, जिन्हें सब कुछ सौंपा जा रहा है. ऐसे 22 खरबपति हैं, यह कॉरपोरेट जगत के लिए भी अच्छी बात नहीं है. क्योंकि कॉरपोरेट जगत में सैकड़ों ऐसी कंपनियां, उद्योगपति और कर्मचारी हैं, जो दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. यह उनके साथ भी अन्याय है. हम उनके खिलाफ बिल्कुल भी नहीं है. आप एक मोनोपोली इस क्षेत्र में इस्टेब्लिश कर रहे हैं. हम उसके खिलाफ हैं, हम गलत कॉरपोरेट नीतियों के खिलाफ हैं.

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