कैसे मिली जानकारी?
मालूम हो कि एसीबी को पूछताछ के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया ने विधु गुप्ता की भूमिका के बारे में जानकारी दी थी. एसीबी को भी जांच में जानकारी मिली कि विधु गुप्ता ही झारखंड में शराब के अवैध कारोबार के लिए फर्जी होलोग्राम का सप्लाई करता था. इस कारण एक ओर जहां अवैध शराब के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ. वहीं, अवैध शराब का कारोबार भी हुआ. राज्य में शराब के कारोबार के लिए होलोग्राम सप्लाई करने का काम विधु गुप्ता को मिला था.
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विनय चौबे की मदद से मिला था काम
मामले के संबंध में एसीबी को जानकारी मिली है कि विधु गुप्ता को भी यह काम आईएएस विनय चौबे की मदद से ही मिला था. विनय चौबे से विधु गुप्ता, सिद्धार्थ सिंघानिया और अरुणपति त्रिपाठी के जरिये मिला था. राज्य में ब्लैकलिस्टेड होने से पहले प्रिज्म कंपनी को करीब 52 करोड़ रुपये का काम मिला था. राज्य में 35 पैसे की दर से सभी होलोग्राम की आपूर्ति की गयी थी. इस काम को दिलाने और करने के लिए अवैध वसूली भी की गयी थी.
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